Baby girl dies in leopard attack
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नागपुर. गोंदिया वन विभाग क्षेत्र के तिडका सोनेगांव से जख्मी मादा तेंदुआ को शुक्रवार की रात 9 बजे गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र लाया गया. प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) नितिन काकोड़कर के आदेश पर घायल तेंदुए का उपचार गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र में किया जाएगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 जून को सुबह 8.45 बजे गोंदिया वन विभाग के अर्जुनी मोरगांव वनक्षेत्र स्थित आरक्षित बीट क्रमां के 279 के सोनेगांव मार्ग पर एक मादा तेंदुआ जख्मी हालत में दिखाई दिया.

तेंदुए के पिछे के दोनों पैर बिल्कूल भी काम नहीं कर रहे है. साकोली के प्राथमिक उपचार केन्द्र में पशुवैद्यकीय अधिकारी डा. नंदकिशोर खोडस्कर ने तेंदूए का प्राथमिक उपचार कर आगे के इलाज के लिए उसे गोरेवाड़ा भेजा. डा. मयूर पावशे और डा. शालीनि द्वारा उसकी जांच की गई. कैमरे से जांच करने पर पता चला कि उसका पिछला हिस्सा काम नहीं कर रहा है. उसकी परिस्थिति चिंता जनक बताई जा रही है. इस अवसर पर वनपाल आर. डी. वलथरे,वनरक्षक हरीश किनकर और आर. एच. वाघाडे उपस्थित थे.

बाघ की कोविड रिपोर्ट निगेटिव
कोविड जांच के भेजे गए मृत केटी -1 बाघ के नमूने की रिपोर्ट निगेटीव आई है. 22 जून को गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र में केटी-1 बाघ की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (सीजेडए) के दिशानिर्देशानुसार बाघ के नमूनों को कोविड-19 जांच के लिए भेजा गया था. नमूनों को जांच के लिए भोपाल के नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ हाई सेक्यूरिटी ऐनिमल डीसिज में भेजा गया था. 25 जून को इसकी रिपोर्ट गोरेवाड़ा के संचालक के पास आई.