नागपुर. शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश का दौर चल रहा है. लेकिन इस प्रवेश प्रक्रिया में अभी भी अनियमितताएं जारी हैं. लगातार कुछ न कुछ खामियां निकलकर सामने आ रही हैं. बोगस प्रमाणपत्र पर प्रवेश लेने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन शाहिद शरीफ द्वारा ली गई प्रमाणपत्रों की आपत्ति की जांच में यह मामला सामने आया है.
भवंस त्रिमूर्तिनगर और यशोदा स्कूल द्वारा दिए गए प्रमाणपत्र जिलाधिकारी कार्यालय से जारी नहीं किए गए हैं. इस कारण प्रवेश रद्द किए गए. इसी प्रकार ग्रामीण नागपुर पंचायत समिति की भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं लेकिन समिति के सदस्य सचिव ने दस्तावेज दिखाने से इनकार कर दिया समिति के सदस्य को ही दस्तावेज नहीं दिखाना कई प्रश्नों को जन्म देता है.
सर्वाधिक प्रवेश यूआरसी-१ में हुए जिनमें १,८४८ में से १,3४० को प्रवेश दिया गया. ५०८ सीटें रिक्त हैं. १४ प्रवेश रद्द किए गए हैं. इस दौरान समन्वयक प्रेमचंद राऊत, आबिद ख़ान, आरिफ़ पटेल, मनीषा सोनटके, बाढ़बूते, कंचन वानखेड़े आदि उपस्थित थे. पहले चरण की आरटीई की प्रक्रिया ७ अगस्त को कार्यालयीन समाप्त होगी और उसके बाद दूसरा चरण शुरू होगा.