नागपुर. कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 10वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी गई है. अब देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन्स के अप्रैल-अटेम्प्ट के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बन गई है. इस साल पहली बार जेईई मेन्स के 4 सेशन होने जा रहे हैं जिनमें फरवरी व मार्च के बाद 27 से 30 अप्रैल तक एग्जाम होना है और आखिरी सत्र मई में आयोजित किया जाना है.
साल के पहले सत्र फरवरी में देशभर से 6,19,000 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था. वहीं मार्च में करीब 6 लाख बच्चे एग्जाम में बैठे. वहीं अप्रैल में यह एग्जाम 8 शिफ्ट में बीई-बीटेक के लिए देश-विदेश के 334 शहरों में करवाई जानी है जिसमें सिटी के भी हजारों छात्र इस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं. लेकिन स्थिति को देखते हुए अभी इस परीक्षा पर संशय की स्थिति बनी हुई है.
पैरेंट्स बोले जब मई में सुरक्षित नहीं तो अभी क्यों?
जेईई मेन्स एग्जाम होगा या नहीं होगा इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है. लेकिन इस बीच पैरेंट्स का कहना है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण मई में बोर्ड एग्जाम सुरक्षित नहीं है तो फिर उससे पहले अप्रैल में आयोजित की जाने वाली जेईई-मेन्स परीक्षा का आयोजन स्टूडेंट्स के लिए कैसे सुरक्षित हो सकता है. स्टूडेंट्स व पैरेंट्स के लिए यह समय निश्चित तौर पर संयम बरतने का है. जेईई-मेन्स अप्रैल-अटेम्प्ट का आयोजन निश्चित तौर पर परिस्थितिजन्य है. किसी भी अवस्था में स्टूडेंट्स की सुरक्षा से समझौता संभव नहीं है.
स्टूडेंट्स जारी रखें अपनी तैयारी
जेईई के अप्रैल सत्र में अप्लाई करने की तारीख 5 अप्रैल तक विंडो-खुली थी जिसके बाद एडमिट कार्ड आना बचा है. एक्सपर्ट की मानें तो जिन्होंने भी अप्लाई किया था उन्हें अगली तारीख मिल जाएगी. यह निश्चित है कि अगर एग्जाम आगे भी बढ़ते हैं तो सीबीएसई बोर्ड से तारीखें नहीं टकराएंगी. ऐसे में स्टूडेंट्स को चिंतित हुए बिना एग्जाम की तैयारी में लगना चाहिए. अब उन्हें जेईई के तुरंत बाद बोर्ड की फिक्र नहीं रहेगी. उन्हें सीबीएसई एग्जाम व जेईई के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.
एडवांस के लिए मिलेगा समय
जहां बच्चों को ज्यादा समय में ज्यादा तैयारी करने की सुविधा होगी, वहीं यह सवाल भी उठता है कि जिन स्टूडेंट्स की पहले 2 एग्जाम में अच्छे परसेंटाइल बने हैं, वे भी बेहतर परसेंटाइल बनाने के लिए अप्रैल व मई परीक्षा में बैठ सकते हैं जिससे इन सेशन में कॉम्पिटिशन बढ़ सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर मेन्स के एग्जाम आगे बढ़ते हैं तो इससे एक फायदा यह भी है कि जिन बच्चों की जेईई एडवांस तैयारी पूरी नहीं थी वे भी अब कोर्स अच्छे से पूरा कर सकते हैं.