Cyber Crime

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नागपुर. सोर्सकोड, डाटा और साफ्टवेयर चुराकर साइबर ब्लैकमेलिंग का मामले में अपने आरोपी साले को बचाने आये कश्मीरी जीजा भी नागपुर पुलिस के आगे एक नहीं चल रही और आईपीएल लॉबी का दबाव भी फेल होता नजर आ रहा है. ज्ञात हो कि पुणे निवासी आईटी प्रोफेशनल शत्रुघ्न सिंह टंगराल, उसकी पत्नी मंजूषा समेत 12 लोगों पर सिटी एक्सेलॉन साफ्टवेटयर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के संचालक विनोद कुमार तांबी को सोर्सकोड और डाटा लौटाने के नाम पर ब्लैकमेल करने का आरोप है. दोनों पति-पत्नी पूरे मामले के मुख्य आरोपी है. उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने ताम्बी के कम्पनी के सोर्सकोड और डाटा का इस्तेमाल कर अपनी कम्पनी बनाई और करोड़ों के बिलों के हेराफेरी की.

नहीं हो पा रही सेटिंग
पुणे से गिरफ्तारी के दिन ही शत्रुघ्न के जीजा नागपुर पहुंच गये जो जम्मू-कश्मीर पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर है. यहां आते ही उन्होंने नागपुर पुलिस से सेटिंग के प्रयास किये लेकिन पता चला है कि 2 दिनों की कड़ी कोशिश के बाद भी कश्मीरी जीजा को कोई भाव नहीं मिल रहा है. वहीं, जीजा द्वारा अन्य राज्यों के आईपीएस आफिसरों द्वारा फोनबाजी भी फेल होती नजर आ रही है क्योंकि शहर पुलिस आयुक्त डा. उपाध्याय के आदेश पर शुरू हुई कार्रवाई में ईओडब्ल्यू और साइबर सेल कोई कोताही नहीं बरतना चाहती. दूसरी तरफ, लगभग सभी वरिष्ठ अधिकारियों के पास जैक लगा चुका कश्मीरी जीजा अब भी सीपी डा. उपाध्याय और क्राइम ब्रांच हेड नीलेश भरणे से मिलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

6 वर्ष में 8.76 करोड़ के बिल
पता चला है कि शत्रुघ्न और उसकी पत्नी मंजूषा ने अपनी नीजि कम्पनी के फायदे के लिए पहले एक्सेलॉन के ही कुछ आईटी प्रोफेशनल्स को साथ लेकर फर्जीवाड़ा शुरू किया. दोनों ने अन्य लोगों की मदद से फर्जी बिल बनाकर टैक्स समेत वर्ष 2014-15 में 17,50,000 रुपये, वर्ष 2015-16 में 34,23,750 रुपये, वर्ष 2016-17 में 1,54,81,550 रुपये, वर्ष 2017-18 में 11,50,000 रुपये, वर्ष 2018-19 में 64,60,087 रुपये और वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक 5,93,56,532 रुपये के फर्जी बिल बनाकर कुल 8,76,21,919 रुपये की धोखाधड़ी की. यह सारा खेल एक्सेलॉन कम्पनी के चोरी किये सोर्सकोड और डाटा के जरिये किया जा रहा था. 

एक नहीं, 2 कम्पनियां बनाई
पता चला है कि एक्सेलॉन को लूटने के लिए बिजक्लाउड के अलावा ट्रायासॉफ्ट नाम से भी साफ्टवेयर कम्पनी बनाई गई थी. ट्रायासाफ्ट में संचालक के तौर पर शत्रुघ्न और मंजूषा के नाम हैं. शत्रुघ्न ने अपनी दूसरी कम्पनी एक्सेलॉन से इस्तीफा देने के बाद बनाई. लेकिन इस कम्पनी के लिए उसने एक्सेलॉन प्लेटफार्म, डीएमएस साल्यूशंस, जीएसटी साल्यूशंस, इंटेलीक्च्यूल प्रापर्टी, डाटाबेस स्कीमा, सोर्सकोड आदि चुराकर साफ्टवेयर प्रोडक्ट तैयार किये थे.