भगवान भरोसे खाऊ गली, फिर हो रहा दुर्दशा का शिकार

  • 32 स्टाल्स की हुई थी व्यवस्था
  • 06 स्टाल्स आनन-फानन में हुए थे शुरू

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नागपुर. करोड़ों रुपए खर्च करने और वर्षों के इंतजार के बाद किसी तरह आनन-फानन में 32 में से केवल 6 स्टाल्स शुरू कर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हाथों मनपा द्वारा खाऊ गली का लोकार्पण तो कर दिया गया, लेकिन केवल 8 माह में ही खाऊ गली दुर्दशा का शिकार होते दिखाई दे रही है. आलम यह है कि सुविधाओं के अभाव में किसी तरह स्टाल्स शुरू होने के बाद महापौर संदीप जोशी की ओर से शीघ्र ही आवश्यकता अनुसार यहां पर दूकानदारों को सुविधाएं मुहैया कराने की घोषणा की थी. किंतु प्रशासन की ओर से सुविधाओं को लेकर कोई पहल नहीं की गई. विकास के नाम पर स्टाल्स के बीच से नालियां खोदी गई. जिससे नहीं के बराबर चल रहे स्टाल्स भी बंद हो गए है. अब पूरा परिसर ही उजड़ गया है.

सीसीटीवी के साथ गार्ड भी होने थे तैनात

उल्लेखनीय है कि गांधीसागर तालाब के किनारे खाऊ गली होने तथा इसी मार्ग पर शनिचरा बाजार (पुरानी वस्तुओं का बाजार) में तरह-तरह की दूकानों की धूम होने से खाऊ गली के सफल होने पर संदेह जताया जा रहा था. किंतु महत्वकांशी प्रकल्प होने के कारण कई स्थायी समिति सभापति बदल जाने के बावजूद किसी तरह इसे पूरा किया गया. लोकार्पण के दौरान कुछ सुविधाओं को लेकर पोल खुलने के बाद शीघ्र ही व्यवस्था चाकचौबंद करने की घोषणाएं की गई. महापौर संदीप जोशी ने भी कहा था कि स्टाल्स से निकलनेवाली गंदगी और कचरे के निपटारे के लिए वाहिनी डाली जानी है. पेयजल भी उपलब्ध कराना है. इसके अलावा यहां के असामाजिक तत्वों पर अंकुश रखने के लिए सीसीटीवी के साथ ही गार्ड भी तैनात किए जाएंगे. 

मीटर के गैस कनेक्शन देने का सुझाव

खाऊ गली का लोकार्पण करते समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रत्येक स्टाल के स्वतंत्र गैस सिलेंडर के बदले मनपा को मीटर के अनुसार गैस कनेक्शन देने का सुझाव दिया था. साथ ही इस स्थल का रखरखाव बनाए रखने की हिदायत दी थी. उनका मानना था कि यदि इसे बनाए रखे, तो लोगों के लिए यह बड़ा आकर्षण का केंद्र बन सकता है. आलम यह है कि बड़े नेता द्वारा दिए गए सुझावों का ना तो पालन हो पाया और ना ही इस ओर मनपा प्रशासन की ओर से गंभीरता से ध्यान दिया गया. जिससे अब खाऊ गली पूरी तरह असामाजिक तत्वों के कब्जे में होने का नजारा दिखाई दे रहा है.