In Maharashtra, 65 people died in just 9 months in wild animal attacks, 23 tigers died in 6 months, the state government said
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  • वर्धा, लाखांदूर और ताड़ोबा क्षेत्र में दहशत

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नागपुर. जंगलों में बढ़ती बाघों की संख्या के साथ वनक्षेत्रों के आस पास के ग्रामीण परिसरों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की परिस्थिति चरम सिमा पर पहुंच गई है. गुरुवार के दिन विदर्भ के तीन अलग-अलग वनक्षेत्रों के समीप ग्रामीण परिसरों में बाघ और तेंदुए ने किलर का रूप धारण कर लिया. ताड़ोबा के मुधोली बिट में एक आक्रामक बाघ ने वनरक्षक पर जानलेवा हमला कर दिया. वहीं वर्धा के पांडुर्णा गांव के समीप बाघ ने बाइक पर जा रहे 2 युवकों पर छलांग लगाई.

तीसरी घटना में तेंदुए ने लाखादूर स्थित एक मवेशियों के शेड में घुसकर गाय का शिकार किया. इन घटनों से तीनों परिसरों के नागरिकों में दहशत का माहौल बना हुआ है. वन विभाग की टीम अपने परिसरों में संक्रीय हो गई है. परिसर में और कोई घटना न हो इसलिए वनरक्षक ने पेट्रोलिंग बढा दी है. साथ ही नागरिकों से वनक्षेत्रों में न जाने की अपील की है.

वनरक्षक पर बाघ का हमला
चंद्रपुर में गुरवार को ताड़ोबा जंगल के बगल में स्थित मुधोली बिट में वनरक्षक सौदागर लाटकर पर एक बाघ ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. उन्हें उपचार के लिए चंद्रपुर स्थित अस्पताल में भेजा गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर में बाघ ने बैल का शिकार किया था. इस बात की जानकारी मिलने के बाद वनरक्षक लाटकर अपने कुछ सहयोगियों के साथ पंचनामा करने के लिए जंगल में गए थे.

aइस दौरान बांबू के जंगल में छिपे बैठे बाघ ने अचानक वनरक्षक पर हमल कर दिया. बाघ ने वनरक्षक पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया था, मगर सहयोगियों के शोर और बचा के प्रयास के चलते बाघ भाग गया. वनरक्षक की पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं. पंचनामा के बाद सभी कर्मचारी पैदल ही लौट रहे थे. इसी दौरान उक्त हादसा हुआ.