Kukki Taxi Travels

  • 75 लाख का फ्राड, 150 से ज्यादा पीड़ित, 40 का बयान दर्ज

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नागपुर. कुकी टैक्सी टैव्हल्स द्वारा टैक्सी चालकों के बाद कम्पनी के कर्मचारियों से भी ठगी किये जाने के बाद आखिरकार सदर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. प्लॉट नंबर 13, आदर्श कॉलोनी पुलिस लाइन टाकली निवासी दिनेश चंद्रीकाप्रसाद मिश्रा (46) की शिकायत पर पुलिस ने कुकी टैक्सी ट्रैव्हल्स के संचालक सुभाष बंजारा के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

हैरानी की बात यह है कि टैक्सी चालकों के साथ आरोपी ने कर्मचारियों को भी धोके में रख कर 75 लाख से अधिक रूपये का फ्रॉड किया. पुलिस ने इस मामले में 150 पीड़ितों में से 40 का बयान दर्ज कर फरार आरोपी की तलाश शुरू कर दी है. फरियादी ने अपने वाहन क्रमांक एमएच 31 सीवाय 0644, एमएच 31 सीवाय 0803 और एमएच 31 एफसी 0046 को कैब सर्विस के लिए कम्पनी के साथ करार किया था. करार के अनुसार वाहन मालक को 30,000 रुपये प्रति माह देना तय हुआ था. महीना पूरा होने पर 19,100 रुपये का चेक दिया गया, लेकिन वह बाउंस हो गया.

250 से अधिक चालक जुड़े
एलआईसी चौक स्थित गिरीश हाई टिप की शॉप नंबर 6 में कुकी टैक्सी ट्रैव्हलस् नामक कम्पनी का ऑफिस हैं. यह कम्पनी ओला-उबेर जैसे टैक्सी चलाने का काम करती है. आरोपी ने अधिक पैसों का लालच देकर करीब 250 से अधिक टैक्सी चालकों को अपने साथ जोड़ा. इसके लिए उसने रजिस्ट्रेशन और डिपॉजिट के नाम पर टैक्सी चालकों से कुल 75 लाख रुपये वसूले. टैक्सी अटैच करने के लिए वाहन धारकों ने मुश्किल घड़ी में भी कहीं न कही से जूगाड़ करके कम्पनी के संचालक को 5,500 रुपये से लेकर 20,500 रुपये तक डिपॉजिट जमा किये.

टैक्सी चालकों ने बूकिंग लेने के साथ कम्पनी की मार्केटिंग का काम भी किया. कम्पनी ने टैक्सी चालकों को हर महीने 15,000 रुपये से 30,000 रुपये देने का वादा किया था. डेढ महीना काम करने के बाद भी उन्हें कुछ नहीं मिला. कमिशन नहीं मिलने से परेशान हो कर कई चालकों ने कम्पनी छोड़ने का मन बना लिया और कम्पनी से डिपॉजिट का पैसा वापस मांगा लेकिन उसन किसी को पैसे नहीं दिये.

हर बार नये बहाने
कम्पनी के मैंनेजर गणेश तिवारी ने बताया कि कम्पनी के मालक ने उनके साथ वहां काम कर रहे सभी कर्मचारियों को भी करीब डेढ महीने से पैसा नहीं दिया है. कम्पनी में करीब 60 कर्मचारी काम करते है. टैक्सी चालकों से फ्रॉड करने के बाद आरोपी कर्मचारियों को भी बिना वेतन दिये फरार हो गया. अब भी आरोपी को टैक्सी चालकों के 60 लाख और कर्मचारियों के 15 लाख रूपये देना बाकी हैं. इस संबंध में टैक्सी चालकों द्वारा पहले भी सदर थाने में शिकायत की गई है.

टैक्सी चालकों को डिपॉजिट का पैसा भी नहीं दिया गया. उन्होंने कम्पनी के संचालक को कई बार फोन पर टैक्सी चालकों की डिपॉजिट राशि लौटाने की बात कही, लेकिन वह उन्हें अनेक बहाने बनाकर हर बार टहला देता था. टैक्सी चालक जब भी पैसे लेने आते थे तब आरोपी उन्हें दूसरी तारीख दे देता था. करीब 6 से 7 बार ऐसा करने पर वे आग बबूला हो कर कम्पनी के मैंनेजर पर चढाई करते थे. अंत में आरोपी ने मैंनेजर का ही फोन उठाना बंद कर दिया. इससे उन्हें ठगी होने का आभास हुआ और कम्पनी के अन्य कर्मचारी व टैक्सी चालकों के साथ मिलकर कम्पनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वह थाने पहुंचे.