विधान परिषद चुनाव के रुझान- नागपुर में अभिजीत, अमरावती में सरनाईक आगे

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नागपुर. अमरावती में विधान परिषद के लिए शिक्षक चुनाव व नागपुर में  स्नातक चुनाव की मतगणना सुबह 8 बजे आरंभ हुई. दोनों स्थानों पर पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की गई. इसके बाद पहले राउंड की गिनती आरंभ हुई. नागपुर में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार अभिजती वंजारी ने पहले राउंड में 4856 मतों की बढ़त हासिल कर भाजपा के गढ़ में सेंधमारी का बिगुल फूंक दिया.

यदि यही ट्रेंड बना रहा तो भाजपा के प्रत्याशी महापौर संदीप जोशी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. इसी तरह अमरावती में भी निर्दलीय किरण सरनाईक ने बढ़त हासिल कर महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी श्रीकांत देशपांड के खिलाफ दहाड़ लगा दी है.

किरण ने दिया झटका

अमरावती विप चुनाव की मतगणना के पहले राउंड में किरण सरनाईक ने निर्दलीय के रूप में बढ़त लेकर बड़े राजनीतिक दलों को झटका देने का काम किया है. पहले राउंड में वैध 13,999 मतों में से 488 मत अवैध व 13 हजार 511 मते वैध रहे. पहले राउंड में डा. नितिन धांडे को ६६६, श्रीकांत देशपांडे को २3००, अनिल काले को १२, दिलीप निंभोरकर को १५१, अभिजीत देशमुख को ९, अरविंद तट्टे १3, अविनाश बोर्डे को ११७४, आलम तनवीर को ९, संजय आसोलेको 3०, उपेंद्र पाटिल को २१, प्रकाश कालबांडे को४3७, सतीश काले को ७८, नीलेश गावंडे को ११८3, महेश डावरे को१४१, दिपंकर तेलगोटे को ६,  प्रवीण विधले को ७, राजकुमार बोनकिले को 3४८, शेखर भोयर को २०७८, मुश्ताक अहमद को ८, विनोद मेश्राम को ७, मो. शकील को १४, शरद हिंगे को २५, श्रीकृष्ण ठाकरे को १०, किरण सरनाईक  को 3१5१, विकास सावरकर को 3१४, सुनील पवार को 3५ व संगीता शिंदे को १3०४ मत मिले. समाचार के लिए जाने तक दूसरे राउंड की गिनती जारी थी. 

गडकरी के गढ़ में सेंध

शुरुआत से नागपुर की विधानपरिषद की स्नातक निर्वाचन वाली सीट पर भाजपा की ही कब्जा रहा है. इस सीट पर एक तरफा जीतनेवाली सीट पर पहले ही राउंड में बढ़त बनाकर कांग्रेस के अभिजीत वंजारी ने अपने इरादे बुंलंद कर दिए है. इस सीट पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई बार चुनाव जीत चुके हैं. गडकरी के बाद पूर्व महापौर अनिल सोले इस सीट पर जीते थे. इस बार भाजपा ने सोले के बजाय महापौर संदीप जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया. 

सोशल मीडिया पर विरोध

सोशल मीडिया पर मनपा के तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंडे के तबादले को लेकर भी जोशी के खिलाफ संदेश दिया था. लगता है कि मुंडे को हटाने की नाराजी का भी असर इस चुनाव पर दिखाई दे रहा है. यदि मतगणना का ट्रैंड यही रहा तो पिछले 2 वर्षों से की जा रही वंजारी की तैयारी और ओबीसी मतदाताओं का साथ काम आया ऐसा हो सकता है.

कांग्रेस के स्थानीय ओबीसी नेताओं ने भी अभिजीत के लिए प्रचार में पूरी ताकत झौंक दी थी. बावजूद इसके कोई भी दावे से नहीं कह सकता था कि कांग्रेस ही जीतेगी. हालाकि मतगणना देर रात तक चलनेवाली है इसलिए किसी की भी जीत का दावा अभी नहीं किया जा सकता.