- प्रधानमंत्री पथविक्रेता आत्मनिर्भर निधि योजना
नागपुर. कोरोना महामारी के संकटकाल में सर्वाधिक पथविक्रेता प्रभावित रहे है. भूखमरी की कगार पर पहुंचे पथविक्रेताओं की अनेक संगठनों की ओर से वित्तिय सहायता की गुहार लगाई गई. इसी बीच अब पथविक्रेताओं की आजिविका को पुन: शुरू करने की दृष्टि से केंद्र सरकार की ओर से ‘प्रधानमंत्री पथविक्रेता आत्मनिर्भर निधि’ योजना लागू की गई. जिसमें पथविक्रेताओं को विशेष सुक्ष्म निधि आपूर्ति सुविधा दी जाएगी. केंद्र के अनुसार अब राज्य सरकार की ओर से भी योजना पर अमल किया जा रहा है. जिसमें पथविक्रेताओं को 10 हजार रु. तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा. अधिक से अधिक पथविक्रेताओं को इसका लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मनपा की ओर से सभी 10 जोन कार्यालय में विशेष मदद कक्ष की स्थापना किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी.
24 मार्च के पहले के सभी पथविक्रेताओं को लाभ
बताया जाता है कि योजना में 24 मार्च 2020 के पूर्व शहर में पथविक्रेता के रूप में कार्यरत सभी विक्रेताओं को इसका लाभ दिया जाएगा. विशेषत: पथविक्रेताओं को अ,ब,क और ड जैसी 4 श्रेणी में वर्गीकृत किया गया. अ प्रवर्ग में मनपा, नगर परिषद और नगर पंचायत द्वारा प्रदान पहचान पत्र वाले पथविक्रेता शामिल होंगे. ब प्रवर्ग में सर्वेक्षण में दर्ज लेकिन प्रमाणपत्र आवंटित नहीं किए गए पथविक्रेता शामिल होंगे. क प्रवर्ग में नागरी स्वराज्य संस्था द्वारा किए गए सर्वेक्षण में निकाले गए या सर्वेक्षण के बाद जिन्होंने पथ विक्रेता के रूप में कार्य शुरू किया, उन्हें शामिल किया जाएगा. लेकिन इसके लिए नागरी संस्था से सिफारिश पत्र का आवंटन आवश्यक होगा. ड प्रवर्ग में शहर के सीमावर्ती और ग्रामीण हिस्से के पथ विक्रेता और जिन्हें संस्था के माध्यम से सिफारिश पत्र जारी किया गया, उन्हें शामिल किया गया है.
1 वर्ष में अदायगी, 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी
मनपा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पथ विक्रेताओं को एक वर्ष में अदायगी की शर्त पर कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा. हर माह समान हफ्तों के आधार पर कर्ज की राशी का भुगतान करना होगा. यदि निर्धारित समयावधि के भीतर कर्ज की अदायगी की जाती है, तो पथविक्रेता अगले कर्ज के लिए योग्य माना जाएगा. ब्याज दर बैंकों की प्रचलित दरों के अनुसार तथा रिजर्व बैंक आफ इंडिया के मार्गदर्शक सूचनाओं के अनुसार दिया जाएगा. शर्तों के अनुसार ब्याज की रकम चुकाने पर 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी संबंधित पथविक्रेता को प्राप्त हो सकेगा. ब्याज अनुदान की निधि आवेदक के कर्ज खाते में तिमाही के अनुसार जमा की जाएगी. डिजीटल लेनदेन को प्रोत्साहन देने के लिए डिजीटल माध्यम से व्यवहार करनेवाले पथविक्रेता को कैशबैक की सुविधा उनके बचत खाते में उपलब्ध कराई जाएगी.