MLA Girish Vyas and Pravin Datke

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    नागपुर. पालक मंत्री नितिन राऊत द्वारा सिटी में 7 दिनों का लॉकडाउन लगाने की घोषणा पर भाजपा विधायकों ने इसे थोपा हुआ फैसला बताया है. गिरीश व्यास ने कहा कि मेयर सहित भाजपा के सारे विधायक, नगरसेवक रास्तों पर उतरकर नागरिकों व व्यापारियों से कोविड-19 के नियमों का कड़ाई से पालन की अपील करते हुए घूम रहे थे. लेकिन उन्हें विश्वास में लिये बिना, बैठक में बुलाए बिना ही एकतरफा निर्णय लिया गया है. पहले लॉकडाउन के बाद जो स्थिति सुधरी थी उसके बाद कोरोना की रोकथाम के लिये जो कार्य किये जाने थे उस पर ध्यान नहीं दिया गया. जिस वजह से आज इतनी स्थिति बिगड़ी है. इसका पूरा दोष राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन का है.

    ग्रामीण खुला शहर बंद : दटके 

    शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके ने भी लॉकडाउन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि घरों में पेपर पंहुचाने वाले, अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति करने वालों का कोरोना जांच करवाने पर ध्यान देना चाहिये. इस लॉकडाउन से छोटे-छोटे कारीगरों पर आर्थिक आफत आ जाएगी. शहर में मंगल कार्यालय बन्द किये लेकिन ग्रामीण में धड़ल्ले से शुरू हैं, इसलिये इस लॉकडाउन का भाजपा समर्थन नहीं करती. 

    लॉकडाउन पर्याय नहीं : गोस्वामी

    प्रदेश प्रवक्ता चंदन गोस्वामी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश-विदेश में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी जा रही, शहर-कस्बे में टीकाकरण किया जा रहा है जिससे कोरोना जैसी महामारी से मुक्त किया जाए, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश तथा नागपुर शहर में बढ़ते कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण लगाने में असफल रही है. असफलता को छिपाने के लिये राज्य सरकार ने लॉकडाउन का फरमान जारी कर दिया, जबकि लाखों नागरिक कोरोना से बचाव के नियम पालन करते हैं. उन पर सख्ती उचित नहीं है. लॉकडाउन का बेतुकी निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है.