Minister Nitin Raut
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नागपुर. ऊर्जा मंत्री बतौर अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद नितिन राऊत ने विभाग का लेखाजोखा रखा है. उन्होंने दावा किया कि राज्य के सभी वर्ग के ग्राहकों के लिए बिजली दर कम की गई है. 1 अप्रैल 2020 से जो नई दर लागू की गई उसमें औसत 7 प्रतिशत की कमी हुई. वाणिज्यिक व औद्योगिक दर आने वाले 5 वर्षों में उपयोग के अनुसार लगभग 10 से 15 फीसदी कर हुई है. घरेलू ग्राहकों को बिजली उपयोग अनुसार 5 फीसदी की कमी हुई.

औद्योगिक बिजली ग्राहकों को ‘वाढ़ीव बिजली उपयोग’ पर प्रति यूनिट 75 पैसे की छूट दी गई. शुरुआत के कोरोना काल में औद्योगिक ग्राहकों पर 3 महीने के लिए स्थिर आकार वसूली स्थगित की और कृषि ग्राहकों के लिए बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं की गई. उन्होंने बताया कि राज्य में 2.66 करोड़ बिजली ग्राहक हैं जिनमें घरेलू ग्राहक 1.97 करोड़, कमर्शियल 19.10 लाख, औद्योगिक ग्राहक लगभग 4 लाख और कृषि ग्राहकों की संख्या 42.18 लाख है. राज्य में सभी ग्राहकों के लिए बिजली दर कम करने को प्राथमिकता दी है. उद्योगों को बिजली शुल्क में 1.8 प्रतिशत छूट दी गई.

20,000 करोड़ का कर्ज

राऊत ने बताया कि विविध आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए महावितरण, महापारेषण, महानिर्मिति कम्पनियों के लिए 20,000 करोड़ रुपये कर्ज लेने की सरकार ने गारंटी दी. कृषि पंपों को हाईटेंशन लाइन में लाने की योजना के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से 2,248 करोड़ रुपये के कर्ज को मान्यता मिली है. राज्य के किसानों को राहत देने के लिए कृषि पंपों पर 42,000 करोड़ में से 15 से 20 हजार करोड़ के बिजली बिल माफ करने का निर्णय विभाग ने लिया है. 2015 के पूर्व के बकाया पर विलंब शुल्क व ब्याज 100 फीसदी माफ किया जाएगा. हर वर्ष 1 लाख कृषि पंप के हिसाब से 5 वर्षों  में 5 लाख सोलर कृषि पंप वितरित करने का उद्देश्य रखा है. उन्होंने बताया कि तूफान आपदा से राज्य के कुछ जिलों में बिजली यंत्रणा को भारी नुकसान पहुंचा था जिसे बेहद कम समय में 196 करोड़ रुपये खर्च कर दोबारा बहाल किया गया. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी व हानि कम कर बिजली दर कम करने का प्रयास नियोजनबद्ध तरीके से जारी है. 

अखंडित बिजली आपूर्ति

राऊत ने बताया कि कोरोना संकटकाल में पूरे राज्य में अबाधित बिजली आपूर्ति की गई. उस दौरान बिजली कम्पनी के सारे कर्मचारी व अधिकारी अपनी जान खतरे में डालकर जनता के लिए कार्य करते रहे. राज्य में पिछले एक वर्ष में बिजली ग्राहकों की शिकायतों में से 99 फीसदी का निवारण किया गया. ग्राहकों को सुविधाएं देने के लिए केन्द्र सरकार से 10,000 करोड़ रुपयों की मांग की है. बकाया बिल वाले ग्राहकों के बिजली कनेक्शन नहीं काटने का आदेश दिया है. ग्राहकों के लिए विविध प्रकार की ऑनलाइन सुविधाएं व मोबाइल एप लांच कर गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित की गई. महापारेषण के तारों को आप्टिकल फाइबर में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया.

हाईटेंशन लाइनों के निरीक्षण के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग की व्यवस्था शुरू की. महानिर्मिति के 187 और 390 मेगावाट के सोलर ऊर्जा प्रकल्प स्थापित करने के लिए केडब्ल्यूएफ संस्था से कर्ज लेने का निर्णय लिया गया. विद्युत प्रकल्पों से निकलने वाली राख का  उपयोग वेस्ट से बेस्ट की तर्ज पर लाया जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोराडी, चंद्रपुर व अन्य प्रकल्पों में चरणबद्ध तरीके से एफजीडी प्रकल्प स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. महावितरण में 7500 पदों और महापारेषण में 8500 पदों पर मेगाभर्ती का निर्णय लेने की जानकारी उन्होंने दी. 

समिति गठित की

अपने विजन को पूरा करने के लिए प्रधान सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने की जानकारी उन्होंने दी. यह समिति 100 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले ग्राहकों को मुफ्त बिजली देने, बिजली उत्पादन लागत कम करने की उपाययोजना, तीनों कम्पनियों के मेन्टेनेन्स खर्च में कटौती, महावितरण की तकनीकी हानि कम करने, कृषि पंपों को 8 घंटे अखंडित बिजली आपूर्ति, सौर ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता देने जैसे कई मुद्दों पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी.