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  • गीर गाय में क्षेत्र स्तर पर भ्रूण स्थानांतरण तकनीक सफलतापूर्वक लागू

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नागपुर. राष्ट्रीय गोकुल मिशन, दिल्ली से वित्तीय सहायता के साथ महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर के तहत नागपुर वेटरनरी कॉलेज में एक परिष्कृत भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रयोगशाला की स्थापना की गई है. इस प्रयोगशाला का प्रमुख उद्देश्य स्वदेशी गायों के कुलीन रोगाणु का संरक्षण है.

हिंगना में किया गया प्रयोग
डेहली (पेंढारी), ताह में स्थित रचना प्राकृतिक और जैविक खेतों के साथ उपलब्ध गीर गाय के कुलीन हार्मोन को संरक्षित करने के लिए हिंगना में दिवते के स्वामित्व में भ्रूण हस्तांतरण प्रौद्योगिकी प्रयोग आयोजित किया गया. इस प्रयोग के तहत उच्च दूध उत्पादन क्षमता वाली एक गिर गाय को डोनर के रूप में इस्तेमाल किया गया. उस गाय में हार्मोन के साथ सुपरोव्यूलेशन को प्रेरित किया गया था जिसके बाद उच्च आनुवंशिक योग्यता के सिद्ध बैल के वीर्य के साथ कृत्रिम गर्भाधान किया गया था.

7 दिन में नजर आई सफलतस
इस कृत्रिम गर्भाधान के 7 दिन बाद भ्रूण बरामद किया गया. भ्रूण को गुणवत्ता के लिए माइक्रोस्कोप के तहत जांचा गया और अच्छी आकृति विज्ञान के भ्रूण को दूध उत्पादन की खराब आनुवंशिक क्षमता वाले 7 गायों को हस्तांतरित किया गया. इस प्रयोग की सफलता के लिए माफसू के उपकुलपति प्रा. कर्नल एएम पातुरकर, डा. एनवी कुरकुरे, डा. एसबी काविटकर के अलावा टीम में डा. एसके सहतपुरे, डा. मनोज पाटिल, डा. डीएस रघुवंशी आदि प्रयासरत रहे.