नागपुर में आज से 30 से 44 आयुवर्ग वालों को मिल रहा वैक्सीन, मेडिकल स्टाफ की गैरमौजूदगी ने बढ़ाई मुश्किलें

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    नागपुर. महाराष्ट्र (Maharashtra) में आज से 30 से 40+ साल वालों के लिए अलग से वैक्सीनेशन अभियान का आय़ोजन किया गया है। महाराष्ट्र हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक 30 से 44 आयुवर्ग (30-44 Age)में ज्यादातर वर्किंग क्लास है जो निजी दफ्तरों या कंपनियों में काम करते हैं। इन्हें वैक्सीन लगाना बहुत जरूरी है। फिर भी सरकार के लाखों प्रयासों के बावजूद कैराना में स्वास्थ्य सेवाओं का दम निकल रहा है। वैक्सीन सेंटर (Vaccination Centres) से डॉक्टर और नर्स नदारद हैं। इस वजह से लोगों को कोरोना वैक्सीन के लिए  भटकना पड़ रहा है।

    दरअसल नागपुर प्रशासन और एनएमसी (NMC) द्वारा ‘ट्रीलियम मॉल’ (Trilium Mall) में वैक्सीन सेंटर बनाया गया है। जानकारी थी कि, सुबह 8 बजे से लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। लोग वैक्सीन लेने के लिए बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं, लेकिन सुबह के 9.40 होने के बाद भी यहां मेडिकल स्टाफ का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं है। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सेंटर पर डॉक्टरों और नर्सों की गैरमौजूदगी और भीड़ को देखकर कई लोग वापस लौटने को मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि, मेडिकल स्टाफ यहां सुबह 10 बजे के बाद ही पहुँचता है, जबकि सुबह 8 बजे वैक्सीनेशन का समय निर्धारित किया गया है। बता दें कि, वैक्सीन ड्राइव का स्लॉट सुबह 9 बजे शुरू हो जाता है। 

    वैक्सीनेशन सेंटर पर पर्याप्त सुविधाएं नहीं है, साथ ही डॉक्टर अपनी मनमानी पर उतर आये हैं। बताया यह जा रहा है कि डॉक्टर कभी समय से नहीं पहुंचते हैं। इसके चलते लोगों को वैक्सीन के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। घंटों लोग डॉक्टरों के इंतजार में लाइनों में खड़े रहते हैं, लेकिन जब खड़े होने की हिम्मत नहीं होती, तो मायूस होकर अस्पताल से लौट जाते हैं। 

    बता दें कि, नागपुर में कोरोना वायरस का कहर जारी है, हालांकि पहले के मुकाबले कोरोना संक्रमण के मामलों के कमी आई है। नागपुर में मौत के आकड़ें इसलिए ज्यादा डराने वाले हैं, क्योंकि यह छोटा शहर है और आबादी 30 लाख के आस-पास बताई जाती है। ऐसे में लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन देने में डॉक्टरों की ढिलाई, जनता के लिए घातक साबित हो सकती है।