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नागपुर. नागपुर मनपा के पास अपने स्थायी, अस्थायी और ठेका कर्मचारियों की संख्या की जानकारी उपलब्घ नहीं है. बीते पांच सालों में नागपुर महानगर पालिका से 23 कर्मचारियों को भ्रष्टाचार, अनियमितता या अनुशासनहीनता के चलते नौकरी से निकाला गया है. जबकि बीते तीन सालों में मनपा और कर्मचरियों के बीच 187 प्रकरण न्यायालय में चल रहे हैं. यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर के प्रश्नों पर मनपा से प्राप्त हुई है.

जानकारी के अनुसार बीते पांच सालों से कर्मचारियों ने मनपा पर 177 मामले न्यायालय में चला रखे हैं.  इसी जानकारी के अनुसार मनपा के सूचना विभाग के पास मनपा में कार्यरत स्थायी कर्मचारी, अस्थायी कर्मचारी और ठेके पर काम कर रहे हैं, इसकी कुल संख्या मनपा के पास उपलब्ध नहीं है. इसी तरह बीते तीन वर्षों में कितने कर्मचारी एक ही जगह पर काम कर रहे हैं, इसकी जानकारी मनपा के अस्थापना विभाग के पास उपलब्ध नहीं है और सूचना अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी एकत्र करने की जानकारी दी है.

उल्लेखनीय है कि मनपा के विविध विभागों में कई कर्मचारियों के पद ठेके पर चल रहे हैं जिससे गुणवत्ताहीन कामकाज की शिकायतें सुनने में मिल रही हैं. आखिर आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जानकारी मिलने पर यह बात स्पष्ट हुई कि मनपा के पास स्थायी, अस्थायी और ठेका कर्मचरियों का कोई आंकड़ा ही उपलब्ध नहीं है. मनपा में बीते कई सालों से कर्मचारियों के तबादलों को लेकर कोई नीति नहीं थी. वर्ष 2013 में कमचारियों के स्थानांतरण को लेकर नीति बनाई गई है. इस नीति का कितना पालन हो रहा है, इसका अनुमान कर्मचारियों और मनपा के बीच न्यायालय में चल रहे विवादों की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है.