नागपुर. कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन, क्षेत्रों को सील और उपायों में जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किए जाने के मनपा के एकतरफा फैसलों को लेकर गत कुछ दिनों से आयुक्त और जनप्रतिनिधियों के बीच जहां घमासान मचा हुआ है, वहीं अब मोमिनपुरा के कंटेन्मेंट जोन में वृद्ध की हुई मृत्यु को लेकर भी फिर एक बार विधायक विकास ठाकरे ने मनपा आयुक्त पर निशाना साधा. शुक्रवार को मनपा आयुक्त की कार्यप्रणाली के खिलाफ विभागीय आयुक्त से मिलकर उन्होंने मनपा प्रशासन के अड़ियल रवैये के चलते ही मृत्यु होने का आरोप भी उन्होंने लगाया.
चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्र में मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाया. यहां तक कि वैद्यकीय चिकित्सक भी उपचार के लिए यहां नहीं आ सके. सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्र में मोबाइल डॉक्टर वैन आवश्यक है. लेकिन शहर के किसी भी क्षेत्र में इस तरह की वैन उपलब्ध नहीं कराई गई. प्रतिबंधित क्षेत्र के लोगों को आयुक्त मुंढे द्वारा मरने के लिए छोड़े जाने का आरोप भी उन्होंने लगाया.
विरोध करने पर दर्ज कर रहे मामले
चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि अंबाझरी स्थित ट्रस्ट लेआउट के प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों के जीवनावश्यक वस्तुओं का ध्यान नहीं रखा गया. यहां तक कि जानवर भी भूखे मर रहे हैं, जिससे मजबूरन लोगों को आंदोलन का मार्ग अपनाना पड़ा है. पार्वतीनगर, जवाहरनगर में भी लोगों को भीषण गर्मी में सड़कों पर उतरना पड़ा है. सतरंजीपुरा में लोगों का जीवन बदतर हो गया. इसी तरह सम्पूर्ण शहर को हाशिए पर लाकर खड़ा किया गया है.
ठाकरे ने कहा कि मध्य में स्थित कॉटन मार्केट का सब्जी बाजार भी मनमानी ढंग से बंद कर दिया गया, जिससे व्यापारियों को भी परेशानी हुई. सतरंजीपुरा जोन में प्रशासन की बेतरतीब कार्यप्रणाली के खिलाफ शिकायत करते ही स्थानीय पार्षद नितिन साठवने के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी गई. कोरोना के इस संकटकाल में जनता और जनप्रतिनिधियों को साथ में लेकर महामारी से लड़ने की बजाय मनपा आयुक्त की किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहने में दिलचस्पी है.
आयुक्त मुंढे से मांगा जाएगा खुलासा
विभागीय आयुक्त संजीव कुमार से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि पार्षद साठवने के खिलाफ दायर झूठा मामला तुरंत रद्द किया जाना चाहिए. शहर में कहीं भी प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करते समय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाना चाहिए. कोरोना से निपटने के लिए शहर के विधायक, मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श किया जाना चाहिए. लॉकडाउन-4 में राज्य सरकार की ओर से दी गई छूट के चलते बाहर से कई लोग शहर में आ रहे हैं, जिनका पूरा लेखा-जोखा रखा जाना चाहिए.
चर्चा के उपरांत विभागीय आयुक्त ने मनपा आयुक्त मुंढे को पत्र जारी कर खुलासा मांगे जाने का आश्वासन दिया. शिष्टमंडल में अभिजीत वंजारी, संजय महाकालकर, संदीप सहारे, उमाकांत अग्निहोत्री, पुरुषोत्तम हजारे, मनोज सांगोले, मनोज गावंडे, नितिन पुणेकर, हरीश ग्वालबंशी, नितिश ग्वालबंशी, दर्शनी धवड़, रश्मी उईके, साक्षी राऊत, उज्वला बनकर आदि शामिल थे.