नागपुर. देर रात तक बाजारों मे रौनक, होटल, रेस्टोरेंट्स में भीड़भाड़ का मंजर ज्यादा दिनों तक बरकरार नहीं रह पाया. राज्य सरकार ने बाजारों को खोलने के अपने पहले के फैसले को पलटते हुए लेवल 3 की बंदिशों को लागू कर दिया जो सोमवार से लागू हो गई. शहर में शाम 4 बजे के बाद सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां बंद हो गई. इतवारी, गांधीबाग, महल, सीताबर्डी, धरमपेठ के अलावा सभी बाजारों और मोहल्लों की दूकानें बंद हो गई. बाजार फिर सूने हो गए. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर ने काफी नुकसान पहुंचाया था.
राज्य में हजारों की जानें तो गई ही इसकी रोकथाम के लिए शासन-प्रशासन को काफी पापड़ बेलने पड़े. अब जबकि कहा जा रहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट और ज्यादा घातक होगा, सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. यही वजह है कि भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए 4 बजे के बाद बाजार, दूकान, कार्यालय और अन्य गतिविधियों पर बंदिश लगा दी.
बंद कराई दूकानें
सरकार के निर्णय पर अमल कराने के लिए पुलिस और मनपा के एनडीएस का दस्ता सक्रिया नजर आया. 4 बजे के पहले ही बाजारों में घोषणा की जाने लगी. 4 बजते ही शटर गिरा दिए गए. कई जगह सख्ती भी करनी पड़ी. कुछ स्थानों पर दूकानदारों ने बहस भी की. बाजारों के साथ ही प्राइवेट ऑफिसेस को भी 4 बजे तक ही खुले रखने की अनुमति थी. 5 बजे के बाद तक दूकानें, ऑफिस पूरी तरह बंद हो चुके थे. इस बीच 4 बजे तक ही बाजार शुरू रखने की बंदिश के कारण लोग सुबह से ही खरीदारी के लिए निकल गए थे. दोपहर में भी दूकानों में काफी खरीदार नजर आ रहे थे.
मार्गों पर बनी रही चहल-पहल
उद्योगों के संचालन पर पाबंदी नहीं लगाई गई. इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट, अंतर जिला, अंतर राज्य बस परिवहन पर भी रोक नहीं लगाई गई. इस कारण वर्धा रोड, कामठी रोड, अमरावती रोड, हिंगना रोड जैसे व्यस्त रहने मार्गों पर आने-जाने वालों की चहल-पहल बनी रही.
होटल, रेस्टोरेंट्स पर मार
4 बजे तक कारोबार की बंदिश से दूकानदारों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. व्यापारियों ने बताया कि कारोबार के लिए इतना समय पर्याप्त है. जिन्हें जरूरत है वे इस समय में आकर खरीदारी कर लेंगे. बंदी की मार होटल, रेस्टोरेंट्स पर पड़ेगी. यह शाम 5-6 बजे के बाद ही गुलजार होते हैं. पहले लॉकडाउन के बाद यह यह सेक्टर लगातार पाबंदी की मार झेल रहा है. हजारों की संख्या में लोगों की रोजी-रोटी इस सेक्टर से चलती है जो फिर खतरे में पड़ जाएगी.