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नागपुर. इन दिनों टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही कोरोना के मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है. सोशल डिस्टेसिंग सहित अन्य नियमों का पालन करने के सख्त हिदायत के बाद भी अब लोगों में लापरवाही देखने को मिल रही है. मनपा द्वारा गठित दस्ता केवल चौराहों पर ही वाहन चालकों के खिलाफ ही कार्रवाई में सक्रिय नजर आ रहा है, जबकि बाजारों सहित सार्वजनिक स्थानों, विवाह समारोह में भी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. 

डॉक्टरों की मानें तो अभी खतरा टला नहीं है. रोजगार और नौकरी के लिए बाहर निकलना लोगों की मजबूरी जरुर है, लेकिन नियमों का पालन भी उतना ही आवश्यक है. मनपा द्वारा गठित दस्ते सिटी के अलग-अलग हिस्सों में चौराहों पर खड़े होकर कार्रवाई करते हैं. जिस तरह ट्रैफिक पुलिस द्वारा हेलमेट विरोधी कार्रवाई की जाती है, उसी तरह उक्त दस्ता भी कार्रवाई कर रहा है. लेकिन केवल वाहन चालकों पर ही सख्ती से कोरोना से बचा जा सकता है. लोगों का कहना है कि चौहारों पर बिना मास्क कोई दिखा तो तुरंत कार्रवाई की जाती है, लेकिन इससे ज्यादा बिना मास्क वाले बाजारों में मिल जाएंगे. 

संक्रमण रुका नहीं, सतर्कता जरूरी 

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सभी का सहयोग आवश्यक है. बिना मास्क वालों पर कार्रवाई आवश्यक ही है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन जरूरी है. कोरोना की वजह से अनेकों का रोजगार छिन गया है. अब भी स्थिति पूरी तरह से पटरी पर नहीं आई है, वहीं दूसरी ओर कोरोना से भी पूरी तरह मुक्ति नहीं मिली है. जिस दिन जिले में अधिकाधिक लोगों की जांच की जाती है, उस दिन मरीजों की संख्या बढ़ जाती है.

इसका मतलब साफ है कि संक्रमण के फैलने की रफ्तार जारी है. भले ही सितंबर जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन अब भी हर दिन 400 से अधिक मरीज मिल ही रहे हैं. ग्रामीण की तुलना में सिटी में कोरोना का प्रभाव है. जिले के ग्रामीण भागों में अब तक कुल 23,844 और सिटी में 93,331 मरीजों में संक्रमण हुआ है. इसका मतलब साफ है कि शहरी भागों में अब भी सख्ती जरूरी है. 

वाइन शॉप, बारों में भीड़ 

प्रशासन ने वाइन शॉप सहित बीयर बारों को अनुमति दी है, लेकिन वाइन शॉप में इस तरह भीड़ जुटती है कि देखते ही बनता है. शाम के वक्त दूकानों में कतार की बजाय लोगों का झुंड लगा रहता है. बीयर बारों में भी नियमों का सरेआम उल्लंघन हो रहा है. लेकिन शुरुआत से लेकर अब तक किसी भी अधिकारी द्वारा जांच नहीं की गई. यहां सोशल डिस्टेसिंग कहीं भी नजर नहीं आती. बारों में काम करने वालों की वैद्यकीय जांच हुई या नहीं यह भी ग्राहकों को मालूम नहीं है. प्रशासन द्वारा कुछ ही क्षेत्रों में कोरोना को लेकर ‘अलर्टनेस’ दिख रहा है. जबकि बाकी जगह खुली छूट जैसी स्थिति बनी हुई है. इस तरह के नियोजन से कोरोना से जल्दी निपटना मुश्किल ही होगा.