नागपुर. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थानीय निकाय संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण रद्द करने का निर्णय दिए जाने के बाद ओबीसी समाज में रोष देखा जा रहा है. भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े ने इसके लिए राज्य की मविआ सरकार को दोषी बताया है. उन्होंने कहा कि पहले मराठा आरक्षण का धक्का और अब ओबीसी के साथ अन्याय हुआ.
सुको ने 7 बार इस सरकार को इस संदर्भ में आयोग गठित करने का निर्देश दिया था लेकिन नहीं किया गया. अंतिम सुनवाई के समय भी सरकार द्वारा अपनी भूमिका ठोस तरीके से नहीं रखे जाने के कारण ओबीसी आरक्षण की पुनर्विचार याचिका भी नामंजूर कर दी. इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री व सरकार जिम्मेदार है.
उन्होंने राज्य की सरकार में शामिल तीनों पार्टियों के मंत्रियों, नेताओं और राकां आलाकमान शरद पवार द्वारा भी किसी तरह का बयान नहीं आने पर आश्चर्य जताया है. खोपड़े ने चंद्रपुर जिले से दारूबंदी को रद्द करने के निर्णय को भी महिलाओं के साथ अन्याय बताया है.