(प्रतीकात्मक तस्वीर)
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    नागपुर. इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में शुक्रवार को जन्मत: मूकबधिर 6 बच्चों की कॉकलियर इंप्लांट शल्यक्रिया की गई. कोविड के संकट काल में ईएनटी विभाग के डॉक्टरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके बाद ब्लैक फंगस मरीजों का उपचार जारी रहा. यही वजह थी कि कॉकलियर इंप्लांट पर रोक सी लग गई थी लेकिन कोरोना से राहत मिलते ही एक बार फिर डॉक्टर अपने-अपने विभागों में नॉन कोविड सेवा में जुट गये हैं.

    विभाग प्रमुख डॉ. जीवन वेदी, डॉ. वैशाली शेलगावकर के मार्गदर्शन में डॉ. विपिन इखार, डॉ. शीतल दलाल ने भूमिका निभाई. वहीं अन्य सहायक प्राध्यापक व निवासी डॉक्टरों ने भी सहयोग किया. जिन 6 बालकों का ऑपरेशन किया गया, उनमें भंडारा का हर्ष बावने, अपेक्षा रोगडे, गोंदिया का नसीब तरफदार, पुसद का मोहम्मद साद, छत्तीसगढ़ की भूमि पटेल, नागपुर का विहित बंड है.

    अब तक मेयो में 44  बालकों का ऑपरेशन किया जा चुका है. ऑपरेशन के दौरान डॉ. मिलिंद कीर्तने, डॉ. रितेश शेलकर, डॉ. लीना ने भी सहयोग किया. डॉ. वेदी ने बताया कि कॉकलियर इंप्लांट मूकबधिर बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इसमें 5 वर्ष के कम आयु वाले बच्चों का ऑपरेशन किया जाता है. अधिष्ठाता डॉ. भावना सोनवने, वैद्यकीय अधीक्षक ने अभिनंदन किया.