Mayo Hospital

  • केवल इमरजेंसी सेवा में ही होगे शामिल

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नागपुर. एक ओर जहां मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वहीं, दूसरी ओर शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी गंभीर समस्या बनती जा रही है. इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल के निवासी डॉक्टरों ने तीन दिन पहले ही प्रशासन को अल्टीमेटम देकर मेडिकल ऑफिसर्स की नियुक्ति करने की मांग की थी. लेकिन प्रशासन द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया. परेशान निवासी डॉक्टरों ने बुधवार की दोपहर से सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है. इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवा ही देंगे. जबकि कोविड सहित अन्य वार्डों में काम नहीं करेंगे.

मेयो के निवासी डॉक्टरों का कहना है कि पिछले एक वर्ष से उनकी कोविड में ड्यूटी लगाई जा रही है. अब तक कई डॉक्टर संक्रमित भी हुये. कोविड में ड्यूटी की वजह से अपनी ब्रांच में प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है. इस हालत में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने का भी कोई अर्थ नहीं रह जाएगा.

मेयो में मेडिकल ऑफिसर्स की कमी है. पिछले वर्ष जब कोविड बढ़ा था, जब हेल्थ विभाग से मेडिकल ऑफिसर्स को ड्यूटी पर लगाया गया था. इससे निवासी डॉक्टरों को इलाज में जुटे रहने का अवसर मिल गया था. लेकिन इस बार प्रशासन द्वारा बार-बार अवगत कराने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. तीन दिन पहले ही अधिष्ठाता को नोटिस दिया गया था. साथ ही अपनी मांगें रखी थी.

अधिष्ठाता ने सोमवार तक एमओ की नियुक्ति सहित अन्य मांगों पर सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया था. लेकिन एमओ की नियुक्ति नहीं की. अब निवासी डॉक्टरों ने बुधवार को दोहपर 12 बजे से सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है.इस दौरान वे कोविड वार्ड सहित अन्य वार्डों में सेवा नहीं देंगे. जबकि आईसीयू, सारी वार्ड और कैजुवल्टी में भी ड्यूटी पूर्ववत रूप से दी जाएगी.

इससे पहले ही अधिष्ठाता को पत्र के माध्यम से अल्टीमेटम दिया गया था. लेकिन निवासी डॉक्टरों के बोझ को कम करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किये गये. बुधवार को 12 बजे से सामूहिक अवकाश के बाद भी यदि व्यवस्था नहीं की गई तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. 

– डॉ.गणेश पारवे, मार्ड मेयो 

मेडिकल मार्ड का भी समर्थन  

मेडिकल मार्ड ने भी मेयो मार्ड के आंदोलन का समर्थन किया है. साथ ही अधिष्ठाता को विविध समस्याओं के संबंध में पत्र भी दिया है. मार्ड का कहना है कि मेडिकल में अब भी सुविधाओं का अभाव है. एमआरआई, सिटी स्कैन बंद है. कैजुवल्टी में बेड कम है. इस हालत में निवासी डॉक्टरों को कार्य करने में दिक्कतें आ रही है. प्रशासन को निवासी डॉक्टरों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. 

– डॉ. तरुण प्रसाद, मार्ड मेडिकल