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    नागपुर. मनीष श्रीवास हत्याकांड में गिरफ्तारी होने के बाद रणजीत सफेलकर गैंग के पीड़ितों को हिम्मत मिली है. अब लोग खुलकर उसके खिलाफ शिकायत लेकर आगे आ रहे हैं. मनीष के मर्डर में पुलिस ने सफेलकर और उसकी गैंग के खिलाफ मोका लगा दिया है. इसमें सफेलकर के अलावा शरद उर्फ कालू हाटे, भरत हाटे, छोटू बागड़े, इसाक मस्ते और अन्य का समावेश है. 4 मार्च 2012 को सफेलकर ने योजनाबद्ध तरीके से मनीष को महिला का झांसा देकर अपहरण करवाया. पावनगांव स्थित एक खेत के कमरे में ले जाकर उसकी हत्या की गई. लाश टुकड़े-टुकड़े कर कुरई घाट में फेंकी गई. पुलिस ने इस मामले में सफेलकर, कालू और भरत हाटे के साथ हेमंत गोरखा को गिरफ्तार किया था. अन्य आरोपी जेल रवाना हो चुके हैं लेकिन सफेलकर अब भी पुलिस हिरासत में है. न्यायालय ने उसे 12 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं. सभी आरोपियों के अपराधों की फेहरिस्त लंबी है. सफेलकर संगठित रूप से अपनी गैंग के जरिए जमीनों पर कब्जा करता है. इसी बीच ओल्ड कामठी थाने में उसकी गैंग के खिलाफ नया मामला दर्ज हुआ है.

    वकील के मार्फत भेजा फर्जी नोटिस

    नया मामला भिलगांव निवासी डुमन प्रगट की शिकायत पर दर्ज हुआ. इस मामले में सफेलकर, हाटे बंधु, जितेंद्र कटारिया, विनीत अन्ना और अन्य का समावेश है. प्रगट परिवार की मौजा खैरी में जमीन है. इस पर उन्होंने तल मंजले पर बड़ी दूकान और पहले माले पर 4 रूम बनाए थे. जितेंद्र कटारिया ने यहां ढाबा चलाने के लिए तल मंजला किराये पर लिया. 12,000 रुपये किराया तय करके करारनामा किया. करीब 1 वर्ष तक अपनी मनमर्जी के अनुसार कटारिया ने 2-4 हजार रुपये दिए. बाद में किराया देना बंद कर दिया. प्रगट ढाबे पर किराया मांगने जाते तो वहां सफेलकर व उसकी गैंग बैठी होती थी. सफेलकर की आपराधिक गतिविधियों की जानकारी प्रगट को थी इसीलिए उन्होंने अपनी संपत्ति दिलीप पारिख नामक व्यक्ति को बेच दी. कटारिया से कब्जा खाली करने को कहा तो उसने इंकार कर दिया. उलटा वकील के जरिए संपत्ति का सौदा 1.10 करोड़ रुपये में किए जाने का फर्जी नोटिस भेज दिया. 

    कनपटी पर पिस्तौल रखकर मांगे 50 लाख 

    महावितरण से बिजली का मीटर कटवाने पर उनके खिलाफ केस कर दिया. अवैध तरीके से जमीन पर अपनी मालिकी का बोर्ड लगा दिया. कुछ समय बाद प्रगट को सफेलकर ने कामठी रोड पर स्थित अपने कार्यालय में बुलाया. वहां कालू हाटे ने उन्हें धमकाया. सफेलकर ने कमर से पिस्तौल निकालकर उनकी कनपटी पर लगा दी. जान से मारने की धमकी देकर जमीन खाली करने की एवज में 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी. 10 लाख रुपये लेने के बाद आरोपियों ने उन्हें छोड़ा. बाकी बचे 40 लाख रुपये 15 दिनों के भीतर देने को कहा. पूरा प्रगट परिवार डरा हुआ था लेकिन सफेलकर की गिरफ्तारी होने के बाद उन्हें हिम्मत मिली. पुलिस ने विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ की है.