Meet Dr. SN Pathan and Prof. Dr. Vishwanath D. Karad at Navbharat E-Charcha tonight at 8 p.m

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नागपुर. नवभारत e-चर्चा में आज रात्रि 8 बजे आपसे रूबरू होंगे नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एस. एन. पठान और प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड। यह दोनों महानुभव हमारे नवभारत के पटल और फेसबुक पेज (https://www.facebook.com/enavabharat) पर भी हमारे साथ होंगे। आज इनके साथ हमारी चर्चा का मुख्य विषय ‘वारकरी दिंडी संप्रदाय’ होगा। आइए जानते है हमारे मुख्य अतिथियों के बारे में।

डॉ. शहाबुद्दीन नूरमहमद पठान एक वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने खुद को एक शिक्षाविद्, शोधकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है। उनका जन्म 4 जुलाई 1949 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के सूखाग्रस्त इलाके के एक छोटे से गाँव में हुआ था। उनके पिता, एक राजमिस्त्री और माँ ने अपने छह बच्चों को पालन पोषण पर काफी  संघर्ष किया। एक दिन में दो वक़्त का भोजन भी उनके लिएमुश्किल होता था। यह उनके शिक्षकों, साथी ग्रामीणों और सभी जातियों और पंथों के प्रोफेसरों से प्राप्त प्रोत्साहन है जिसने उन्हें प्रतिष्ठित नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के पद तक बढ़ने में मदद की। वह महाराष्ट्र के इतिहास में इस तरह का पद संभालने वाले मुस्लिम समुदाय के पहले सदस्य थे। डॉ एस एन पठान ने अपना करियर वनस्पति विज्ञान विभाग में P.V.P कॉलेज प्रवरनगर, और बाद में मुंबई के प्रतिष्ठित सरकारी सिडेनहम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स के प्रिंसिपल बने। बाद में उन्हें 1999 में, महाराष्ट्र राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक के प्रतिष्ठित पद पर आसीन किया गया, जहाँ उन्होंने छह वर्षों तक सेवा की। 

इसी प्रकार हमारे दुसरे अतिथि प्रो (डॉ.) विश्वनाथ डी कराड, MAEER’S MIT ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन, पुणे(महाराष्ट्र के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रबंध ट्रस्टी हैं। वे महाराष्ट्र राज्य के एक छोटे से गाँव, रामेश्वर (रुई) में एक कृषक किसान परिवार में पैदा हुए। उन्होंने भारत में  अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए एक महान श्रद्धा, सम्मान और मान्यता अर्जित की है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित शिक्षाविदों में से एक हैं, जो एक महान दूरदर्शी और ख्याति के अत्यधिक समर्पित शिक्षक हैं। “विश्व शांति के लिए” मूल्य आधारित सार्वभौमिक शिक्षा प्रणाली ‘और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में उनका विशेष योगदान है। प्रो विश्वनाथ कराड, दुनिया में “शांति की संस्कृति” को बढ़ावा देने के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता की अपनी जबरदस्त समझ के साथ, मानव कल्याण के महान कार्य के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। विश्व शांति के लिए उनका जीवन मिशन, और “मूल्य आधारित सार्वभौमिक शिक्षा प्रणाली” को बढ़ावा देने और छात्रों की मानसिकता को सकारत्मक दिशा में विकसित करने में भी उनका विशिष्ठ योगदान है।

ऐसे ही विलक्षण प्रतिभा और परिचय के धनी हमारे दोनों सम्मानीय अतिथी, डॉ. एस. एन. पठान और प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड आज हमारे नवभारत e-चर्चा के पटल और हमारे फेसबुक पेज (https://www.facebook.com/enavabharat) पर हमारे साथ रात्री 8 बजे उपस्तिथ होंगे। तो भूलियेगा नहीं और जरुर आईयेगा नवभारत e-चर्चा पर आज रात्री 8 बजे।