नागपुर. आज दोपहर 3.30 बजे नवभारत e-चर्चा में मिलिए महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण विभाग( PWD)के वर्तमान मंत्री श्री अशोक चव्हाण जी से। श्री चव्हाण वर्तमान कोरोना के परिदृश्य में होने वाली प्रशासनिक कठनाइयों पर हमसे चर्चा करेंगे। वे नवभारत के फेसबुक ( https://www.facebook.com/enavabharat) पेज पर भी हमसे रूबरू होंगे। तो आइए जानते हैं हमारे विशिष्ठ अतिथि के बारे में।
अशोक चव्हाण महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण विभाग( PWD)के वर्तमान मंत्री हैं। उन्हें कांग्रेस का ऐसा चेहरा माना जाता हैं, जो हर मुश्किल वक्त में पार्टी के साथ खड़े रहते हैं। पूरे देश में मोदी सरकार की लहर होने के बावजूद उन्होंने 2014 में नांदेड सीट पर कांग्रेस का पंचम लहराया। अशोक चव्हाण करीब डेढ़ साल (8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010) तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। परंतु आदर्श इमारत घोटाले में नाम आने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। बावजूद इसके उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर वापसी की। यही नहीं उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनाया गया। वहीं राजनीतिक के जानकर इसे अशोक चव्हाण का राजनीतिक वनवास का दौर मानते हैं।
अशोक चव्हाण का गृह क्षेत्र रहे नांदेड़ में साल 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 2 सीट जीतने में कामयाब रही थी। जिसमें नांदेड़ सीट से अशोक चव्हाण निर्वाचित हुए थे। बता दे कि नांदेड़ लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। अब तक 19 बार चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ने 15 बार जीत हासिल की हैं। इन क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए अशोक चव्हाण की भमिका अहम मानी जाती हैं।
अगर श्री चव्हाण के पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बात करें तो जानकारी हो कि अशोक चव्हाण के पिता शंकरराव चव्हाण भी दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उन्हीं से अशोक चव्हाण को राजनीतिक विरासत में मिली।अशोक चव्हाण मूलतः औरंगाबाद जिले की पैठण तहसील के रेहवासी हैं। परतुं उनके पूर्वज नांदेड़ में आ कर बस गए तब से वे नांदेडकर कहलाने लगे।शंकरराव चव्हाण के कारण ही मराठवाड़ा में कांग्रेस पार्टी की जड़े मजबूत हुई। कांग्रेस में रहकर उन्होंने केंद्र और राज्य की सत्ता संभाली। देश में भाजपा की मजबूत पकड़ के बावजूद कांग्रेस को यह से कोई हिला तक नहीं पाया।
राजनीतिक के जानकारों का कहना है कि, शंकरराव चव्हाण से ही उनके दो शिष्यों ने महाराष्ट में अपनी प्रभुत्वता स्थापित की। उनमे से एक हैं विलास राव देशमुख और दूसरे उनके बेटे अशोक चव्हाण। मराठवाड़ा के इन दोनों नेताओं ने महाराष्ट्र में मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री पद हासील किए। दोनों को ही शंकरराव चव्हाण की राजनीतिक विरासत का लाभ मिला।
तो आज दोपहर 3.30 बजे मिलिए महाराष्ट्र सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के वर्तमान मंत्री श्री अशोक चव्हाण जी से नवभारत e-चर्चा में। वे हमारे साथ नवभारत के फेसबुक पेज ( https://www.facebook.com/enavabharat) पर भी हमसे रूबरू होंगे। तो भूलियेगा नहीं और जरुर आइयेगा नवभारत e-चर्चा पर, हमारी चर्चा हम सबके लिए।