पांचपावली पुल पर 30 से ज्यादा ब्रेकर-चालक हुए परेशान, प्रशासन को नहीं सुध

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नागपुर. आम तौर पर सड़कों पर ब्रेकर होना आम बात है लेकिन फ्लाईओवर पर ब्रेकर होना जानलेवा दुघर्टना होने के संकेत है. पांचपावली फ्लाईओवर पर इतने पैचवर्क किये गए है कि पुलिया पर 1-2 नहीं बल्कि 30 से अधिक उचे ब्रेकर बन गए है. पुलिया जगह-जगह से जर्जर हो चुका है. रैलिंग टूटनी शुरू हो चुकी हैं, वहीं अब इसके बीच के हिस्से के सामान्य धरातल से नीचे होने की चर्चा चल रही है.

पुल का मध्य भाग इस प्रकार बदहाल हो गया है कि थोड़ी की बारीश होने पर इसके ऊपर काफी पानी जमा हो जाता है. देखरेख के अभाव से वर्ष दर वर्ष पानी जमा होने का प्रमाण बढता ही जा रहा है. यहां से गूजरने वाले लोगों का कहना है कि इस पुल के मेंटेनेंस को लेकर प्रशासन का ध्यान नहीं के बराबर है. हर बार सिर्फ इसके जोड़ों के ऊपर डामर का मिक्चर रखकर उन्हें पाट दिया जाता है और जोड़ों पर बड़े ब्रेकर बना दिये गए है. इससे कभी न ठीक होने वाले जोड़ों से जल्द ही डामर उखड़ जाता है और कुछ दिन में इसका तल जस का तस हो जाता है.

जानकारी के अनुसार पांचपावली पुल का निर्माण हुए बहुत लंबा समय नहीं बीता है, परंतु इस पुल पर यातायात का दबाव ज्यादा होने के कारण पुल के ढांचे पर ज्यादा बोझ पड़ता है. 24 घंटे वाहनों की आवाजाही के कारण हर बार इसका सूक्ष्म गति से क्षरण होता है. देखरेख के अभाव के कारण पुलिया को कई बार नुकसान हुआ है. इसके अनुपात में इसे दुरुस्त करने व मेंटेन करने का कार्य नहीं के बराबर है. फलस्वरूप इस वर्ष पुल की हालत बहुत जर्जर दिखाई पड़ रही है. पुल के बीचोंबीच जहां पर नाईक तालाब और टिमकी की ओर से आकर जो हिस्सा जुड़ता हैं वहां एक बड़े चौक जैसी आकृति बनती है. यहां का हिस्सा भी काफी नीचे हो गया है. बीच का हिस्सा दबने से यहां पर काफी पानी भरने लगा है. 

आरपार दिख रही सड़क
उड़ान पुल के कमाल चौक से लेकर गोलीबार चौक तक पुल के दोनों तरफ की सुरक्षा दीवारें जर्जर हो चुकी हैं और दरारों ने इन दीवारों को कई तुकड़ों में बांट दिया है. दरारों के बीच पीपल व अन्य वनस्पति के पौधों ने अपनी जड़ें जमा ली हैं. इतना ही नहीं पुलिया के कुछ जोड़ो की मरम्मत ठीक से नहीं होने पर कुछ स्थानों पर पुलियां के आर पार देखा जा सकता है. यह गड्ढा दिन ब दिन बढता जा रहा है. यदि किसी दिन टु व्हीलर का चक्का फंस गया तो बड़ी दुघर्टना हो सकती है.  

पुल की स्थिति की जांच होनी जरूरी
हां से गुजरने वाले नागरिकों का कहना है कि जिस तरह कई दूसरे पुलों की दुरुस्ती होते रहती है, वैसी पांचपावली उड़ानपुल की दुरुस्ती कई सालों से हमने देखी नहीं है. पहले ही इस पुल को बनाते समय इंजीनियरिंग की ऐसी गलती की गई है जिसके कारण इसकी गुणवत्ता खराब हो चुकी है. इस पुल के बीच के जोड़ों से कई नागरिकों की रीढ़ व कमर की हड्डियां खराब हो चुकी हैं. अब कम से कम प्रशासन को चाहिए कि इस पुल की वास्तविक अवस्था की अच्छी तरह जांच कराएं और जितना हो सके दुरुस्ती करें. केवल गड्डे बुझाने की बजाय पुल के ऊपर संपूर्ण डामरीकरण किया जाए ताकि वाहन चालकों को राहत मिल सके.