5 लाख से अधिक छात्र पढ़ाई से दूर, नेटवर्क व एंड्राइड मोबाइल नहीं होने से वंचित

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    • 39.90 फीसदी ऑनलाइन शिक्षा लेने वाले
    • 47 स्कूल जिले में शुरू 
    •  1,084 स्कूलों में ऑनलाइन क्लास

    नागपुर. कोरोना के कारण पिछले डेढ़ वर्ष से स्कूल बंद है. इस वजह से जिले के 8 लाख 19 हजार 59 विद्यार्थियों में से केवल 3 लाख 18 हजार 555 विद्यार्थियों को ही प्रत्यक्ष व ऑनलाइन शिक्षा मिल रही है. ग्रामीण भागों में स्कूल शुरू होने के बाद केवल पहली से 12वीं तक के 3,715 विद्यार्थी ऑफलाइन क्लासेस में शामिल हो रहे हैं. वहीं 3,14,840 विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा में शामिल हो रहे हैं. इनमें 10वीं व 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्र शामिल नहीं है.

    जिले में 1,189 प्राथमिक तथा 1,516 माध्यमिक व 477 उच्च प्राथमिक शाला (कनिष्ठ महाविद्यालय) है. राज्य सरकार ने कोरोनामुक्त गावों में स्कूल शुरू करने की अनुमति दी है. इसके बाद कुछ जगह पर ही आठवीं से 12वीं तक स्कूल शुरू की गई है. ग्राम पंचायत पर जिले में 47 प्राथमिक स्कूल शुरू किये गये हैं. वहीं 8वीं से 12वीं तक 665 स्कूल शुरू हुई है.

    इनमें केवल 3,237 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं. कुल विद्यार्थियों की तुलना में ऑफलाइन स्कूल में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या आधी फीसदी से भी कम है. जबकि प्रत्यक्ष व ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रहने वाले छात्रों का कुल प्रतिशत 61.10 है. 

    उपस्थिति बेहद कम 

    नागपुर जिले में 1,084 स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई ही जारी है. इनमें प्राथमिक स्कूलों की संख्या 414, माध्यमिक स्कूल 492 तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों की संख्या 178 है. प्रत्यक्ष रूप से स्कूल होने के बाद शामिल नहीं होने वाले छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेस का भी पर्याय रखा गया है. लेकिन अनेक स्कूलों में सुविधा नहीं होने से अनुपस्थित छात्र पढ़ाई से दूर हो गये हैं. जिले में शुरू होने वाली 665 स्कूल ग्रामीण भागों में है. लेकिन उपस्थित छात्रों की संख्या कम ही है.

    यदि औसत निकाला जाये तो एक क्लास में केवल 5 से 6 विद्यार्थी ही शामिल हो रहे हैं. ग्रामीण भागों की परिस्थिति व सुविधा ऑनलाइन शिक्षा के लिए उपयुक्त नहीं है. कई जगह मोबाइल कवरेज की समस्या हैं तो कई जगह पालकों की आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने से महंगे मोबाइल खरीदने में असमर्थ है. यही वजह है कि अब तक वे ऑनलाइन क्लासेस नियमित रूप से नहीं कर पा रहे हैं.