AC special trains
File Photo

  • रेलवे का 8,000 से अधिक गाड़ियों पर विचार जारी

Loading

नागपुर. कोरोना संक्रमण ने हर क्षेत्र में नुकसान किया है. ऐसे में भारतीय रेलवे इससे अछूती कैसे रहती है. लाकडाउन के कारण ऐतिहासिक बंद झेल चुकी रेलवे द्वारा अब भी मुश्किल से 800 ट्रेनें चलाई जा रही है. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे ने 1 जनवरी से बड़ी संख्या में ट्रेनें शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है. अधिकारियों की मानें तो करीब 70 प्रतिशत ट्रेनें दोबारा पटरी पर दौड़ने लगेगी. यानि लॉकडान में बंद की गई लगभग 12,000 ट्रेनों में लगभग 8,000 से ज्‍यादा यात्री ट्रेनें पटरी पर दौड़ने लगेंगी. आगरा-झांसी के बीच पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस बनाकर परिचालन शुरू कर दिया गया है. इससे अन्य रेल जोन में एक्सप्रेस बनकर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों के शुरू होने की संभावना बढ़ गई है.

अपने यात्री बचाये रखने की कोशिश 

नागपुर स्टेशन से पहले प्रतिदिन 200 से अधिक यात्री ट्रेनें चलती थी और 30,000 से अधिक यात्रियों की आवाजाही थी. जो घटकर मुश्किल से 3000 से 5000 यात्रियों तक सिमट गई है. वहीं, पिछले 8 महीनों में रेलवे को भारी नुकसान हुआ है. दूसरी तरफ सड़क परिवहन अच्छा होने से रेलवे को माल परिवहन में भारी चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है. ट्रेनों की सीमित संख्या के कारण यात्रियों की संख्या भी काफी सीमित है. दूसरी तरफ, सीमित ट्रेनें होने के कारण अब लोग सड़क परिवहन की ओर बढ़ रहे हैं जो पहले हर दिन रेलवे के नियमित यात्री हुआ करते थे. बसों के अलावा अधिकांश लोगों ने अपने निजी वाहनों को उपयोग दैनिक परिवहन के करना शुरू कर दिया है. इससे पहले कि रेलवे अपने नियमित यात्रियों को खोना नहीं चाहता. इसलिए जल्द से जल्द अधिकांश ट्रेनें शुरू करने का दबाव है. 

कन्फर्म सीटों का दबाव भी

अधिकारियों की मानें तो कुछ रेलमार्गों पर यात्रियों का दबाव अधिक है और ट्रेनों में कन्फर्म सीटें नहीं मिल रही है. ऐसे रेलमार्गों पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर विचार जारी है. फिलहाल इस बारे में अनुमति नहीं मिली है. हालांकि अनुमति मिली तो ही संबंधित रेलमार्गों पर लॉकडाउन में बंद की गई ट्रेनों में से 70 फीसद तक ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. इसके लिए कुछ ट्रेनों के समय और स्टेशनों में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जा सकता है. इससे ज्‍यादा से ज्‍यादा यात्रियों को कन्फर्म सीटें मिलेंगी. अभी गिनी-चुनी ट्रेनें चल रही है, जिनमें यात्रियों को कन्फर्म सीटें नहीं मिल रही हैं. कुछ ट्रेनों में तो नो रूम की स्थिति है. हालांकि इन ट्रेनों में सफर के लिए कोरोना गाइडलाइन को रेलवे और सख्त कर सकता है. कन्फर्म टिकट पर ही यात्रा की अनुमति जारी रहेगी. 

बंद हो सकती है कुछ गाड़ियां

दूसरी तरफ, रेलवे उन ट्रेनों को भी बंद कर सकती है जिनमें यात्री उम्मीद से काफी कम मिल रहे हैं. मिली जानकारी के  अनुसार, जो ट्रेने 50 प्रतिशत से अधिक खाली चल रही है, उन्हें बंद करने की योजना पर विचार जारी है. ज्ञात हो कि मुंबई-अहमदाबाद-मुंबई और दिल्ली-लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस को बंद भी किया जा चुका है. इन दोनों ट्रेनों का संचालन आईआरसीटीसी करता है.