Sandeep Joshi and Tukaram mundhe

  • जनसमस्याएं हल करें अन्यथा आंदोलन : अहमद

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नागपुर. मनपा में आयुक्त बनकर आने के बाद से मुंढे और मनपा के सत्तापक्ष भाजपा के बीच लगातार किसी न किसी कारण से लगातार अनबन चली आ रही है. यहां तक कि भाजपा ने आयुक्त के खिलाफ एक तरह से हरस्तर पर जंग छेड़ रखी है. मुंढे और भाजपा के बीच की इस जंग से जनता पूरी तरह तंग आ चूकी है. अत: इसे समाप्त कर जनता की समस्याएं हल करने की दिशा में सत्तापक्ष द्वारा ध्यान देने की मांग कांग्रेस विचार जनजागृति अभियान के संयोजक तनवीर अहमद ने की. साथ ही जनसमस्या और विकास की ओर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया, तो पूरे शहर में जनांदोलन करने की चेतावनी भी उन्होंने दी.

चल रहे पलटवार और प्रतियोगिता
उन्होंने कहा कि कोरोना के संकटकाल में काफी विकास प्रभावित हुआ है. यहां तक कि छोटी-छोटी बातों को लेकर जनता त्रस्त है. लेकिन भाजपा और मुंढे के बीच पलटवार और प्रतियोगिता चल रही है. जिसका सीधा असर जनता की मूलभूत सुविधाओं पर पड़ रहा है. शहर के सभी विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े है, लेकिन सत्तापक्ष की ओर से इस संदर्भ में कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. केवल मुंढे की कार्यप्रणाली का पोस्टमार्टम करने में सत्तापक्ष की पूरी शक्ति लगी हुई है. हर दूसरे दिन नए मामले को लेकर दोनों के बीच चली आ रही किचकिच से जनता उकता गई है. अब आलम यह है कि वर्चस्व की इस लड़ाई में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी कूद पड़े है. 

अनियमितता तो नहीं बन गई गले की हड्डी
उन्होंने कहा कि मनपा में गत 13 वर्षों से भाजपा की सत्ता है. वर्तमान में भी 107 पार्षद है. जिसमें से अधिकांश पार्षद कई बार चुनकर मनपा पहुंचे हैं. पूर्व महापौर प्रवीण दटके हाल ही में विधान परिषद के सदस्य बन गए. साथ ही मनपा के भी सदस्य है. इसके बावजूद मुंढे सभी पर भारी पड़ रहे हैं. क्या गत काल में सीमेंट रोड, वृक्षारोपण, नदी-नालों की सफाई में बरती गई अनियमितताएं इनके गले की हड्डी बनी हुई है. जिससे पूरा सत्तापक्ष एक व्यक्ति के पीछे पड़ा दिखाई दे रहा है. उन्होंने मुंढे और भाजपा को मिलकर जनता की समस्याएं सुलझाने की मांग भी की. अशोक यावले, आरिफ खान, सुनील ढोले, कुवर मेहेरोलिया, संजय शिंदे, सोहन पटेल, सूर्यकांत ऊइके, राजू मिश्रा आदि उपस्थित थे.