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  • धामेचा पर बिफरे शिवसैनिक, तत्काल निलंबित करने की मांग

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  • 290 सुरक्षा गार्ड का शोषण होने का आरोप
  • 15,270 रु. प्रति माह वेतन से 7,000 रु. गार्ड से वसूल रहीं एजेंसियां

नागपुर. मनपा की सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी एजेंसियों को ठेका आवंटित कर हर जगह सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है. निर्धारित नियमों के अनुसार मनपा के माध्यम से इन सुरक्षा गार्ड्स के खातों में वेतन तो जमा होता है लेकिन एजेंसियों द्वारा इन गार्ड्स से नियुक्ति के लिए हर माह निधि वसूली जाती है. सिक्योरिटी एजेंसियों के चल रहे भ्रष्टाचार का बाकायदा वीडियो देकर सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे सहायक आयुक्त महेश धामेचा से कार्रवाई की मांग की गई थी किंतु अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से सोमवार को शिवसैनिकों ने मनपा मुख्यालय पर फिर ‘धावा’ बोल दिया. धामेचा की कार्यप्रणाली पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उपायुक्त निर्भय जैन से उन्हें तत्काल निलंबित करने की मांग की. 

नारेबाजी से गूंजा मनपा का गलियारा

सोमवार को मनपा के गलियारों में उस समय हंगामा मच हो गया जब भारी संख्या में शिवसैनिक नारेबाजी करते हुए प्रशासकीय इमारत में घुस गए. अचानक कार्यकर्ताओं को मुख्यालय में पहुंचते देख प्रशासन में खलबली मच गई. इसी बीच नेताओं का शिष्टमंडल सीधे उपायुक्त निर्भय जैन के पास पहुंच गया. शिवसेना सम्पर्क प्रमुख विधायक दुष्यंत चतुर्वेदी और महानगर प्रमुख प्रमोद मानमोडे के मार्गदर्शन में शहर प्रमुख नितिन तिवारी और दीपक कापसे के नेतृत्व में पहुंचे शिष्टमंडल ने कहा कि महानगरपालिका की ओर से प्रति सुरक्षा रक्षक 15,270 रु. प्रति माह के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाता है. कुल 290 गार्ड्स के लिए लाखों रु. मनपा खर्च करती है. किंतु गार्ड को पूरे वेतन का लाभ नहीं मिल रहा है. एजेंसियों की धांधली को लेकर पुख्ता सबूतों के साथ धामेचा को इसके पूर्व लिखित शिकायत सौंपी गई थी किंतु कार्रवाई नहीं की गई. 

धामेचा पर संदेह की सुई

  • नितिन तिवारी ने कहा कि पुख्ता सबूत दिए जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने से अब धामेचा पर संदेह की सुई घूम रही है. मनपा की ओर से जो वेतन का भुगतान किया जाता है. उसमें से एजेंसियों 7,000  रु. प्रत्येक गार्ड से वसूल कर रही हैं. 
  • यदि कोई गार्ड भुगतान करने से आनाकानी करे तो उसे प्रताडि़त करने के उद्देश्य से 15 से 20 किलोमीटर दूर अन्य स्थान पर नियुक्त कर दिया जाता है. यहां तक कि नौकरी से निकालने की धमकियां दी जाती हैं. 
  • सुरक्षा गार्डों द्वारा 8 माह पहले शिकायत की गई थी किंतु अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. अलबत्ता एजेंसियों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है. इसकी जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिए. साथ ही प्रत्येक गार्ड के बयान दर्ज करने की मांग भी की. 
  • किशोर एजेंसी को तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट करने की भी मांग की. शिष्टमंडल में गुड्डू राहंगडाले, मुन्ना तिवारी, राम कुकड़े, अंगद हिरोंदे, हरीश रामटेके, विशाल कोरके, रमेश काकडे, शिवशंकर मिश्रा, अब्बास अली, आशीष हाडगे, शशिधर तिवारी, विजय शाहू, लॉरेंस ग्रेगरी, सोनू शुक्ला, आशीष गड़ीकर, आशीष त्रिवेदी आदि शामिल थे.

इन सिक्योरिटी एजेंसियों का चल रहा ठेका

-इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी सर्विसेस 

-यूनिटी सि. फोर्स एंड ट्रे. इंस्टीट्यूट,

-सुपर सिक्योरिटी सर्विसेस 

-किशोर एजेंसी