Nagpur Mayor Dayashankar Tiwari

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    नागपुर. वर्तमान अत्याधुनिक युग में सभी ओर ई-कचरा की समस्या विकराल होती जा रही है. लोगों के घरों में भी लंबे समय से इसी तरह ई-कचरा पड़ा हुआ है. लेकिन इससे संभावित खतरे को देखते हुए अब शहर के ई-कचरे को संकलित कर उसका व्यवस्थापन करने के उद्देश्य से महापौर दयाशंकर तिवारी द्वारा नई योजना लाई जा रही है जिससे मनपा की आय में भी वृद्धि होने की संभावना जताई गई.

    महापौर द्वारा प्रस्तुत संकल्पना के अनुसार सम्पूर्ण देश में सर्वाधिक ई-कचरा तैयार करनेवाले 10 शहरों में नागपुर का समावेश है. घनकचरा व्यवस्थापन के लिए 2 स्वतंत्र कम्पनियों की नियुक्ति की गई है. लेकिन ई-कचरा का निपटारा करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इससे इस ई-कचरे का निपटारा करने की योजना लाई गई है. स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर द्वारा बजट में भी इसका समावेश किया गया. 

    RBI ने तैयार की है नियमावली

    मनपा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बैंक में निर्मित होनेवाले ई-कचरा का निपटारा करने के लिए रिजर्व बैंक ने एक नियमावली तैयार की है. इसी तरह यदि मनपा ने भी व्यवस्था उपलब्ध कराई तो उसकी आय बढ़ सकेगी. प्रायोगिक तौर पर शहर का कचरा संकलन करनेवाली कम्पनी से सप्ताह में एक दिन सम्पूर्ण शहर से केवल ई-कचरा संकलित कर इसका निस्सारण करने के निर्देश भी महापौर द्वारा दिए गए हैं.

    यदि सरकारी नियमों के अनुसार वेंडर की नियुक्ति की जाती है तो शहर से ई-कचरा समाप्त किया जा सकता है. इससे मनपा को प्रति वर्ष 4 से 5 करोड़ की आय भी होगी. इस माध्यम से ई-कचरा का निपटारा कर पर्यावरण संरक्षण के साथ ही आय के नये स्रोत तैयार हो सकेंगे.

    पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण

    मनपा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार महापौर की अभिनव योजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. घर में वर्षों से पड़े बैटरी, बंद मोबाइल, चार्जर, रिमोट, हेडफोन और अन्य इलेक्ट्रानिक वस्तुएं खतरा पैदा कर सकती हैं. उनका उचित व्यवस्थापन कर शहर के पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सकता है.