
- कलमना की लूटपाट में फरार था अंकित
नागपुर. दिनदहाड़े बीच चौराहे पर बाल्या बिनेकर की हत्या करने वाले आरोपियों के हौसलों का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि उसे मौत के घाट उतारने के बाद तुरंत दूसरे मर्डर का प्लान बनाया गया था. पिता की मौत के साथ ही चेतन हजारे अपने दोस्त की हत्या का बदला लेने वाला था.
आरोपी बाल्या की कार से सीधे अश्विन तुर्केल का गेम बजाने जा रहे थे, लेकिन गाड़ी चालू नहीं हुई और उनकी प्लानिंग फेल हो गई. हालाकि क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने ऐसी कोई प्लानिंग होने से इंकार किया है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि चेतन ने एक नहीं बलकि 2 हत्याओं की प्लानिंग की थी.
फरवरी 2015 में अश्विन तुर्केल और निखिल डागोर ने धरमपेठ परिसर में रितेश बैसवारे की हत्या की थी. चेतन और रितेश करीबी दोस्त थे. इसीलिए चेतन अपने पिता के साथ दोस्त की हत्या का बदला लेना चाहता था. बाल्या को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी उसकी कार में सवार होकर अश्विन को टपकाने जाने वाले थे, लेकिन इतना नशा कर रखा था कि बाल्या की गाड़ी शुरु नहीं हुई. आखिर उन्हें दुपहिया वाहनों से ही भागना पड़ा.
दुपहिया वाहनों पर अश्विन के इलाके में प्रवेश करना खतरनाक हो सकता था. इसीलिए आरोपी अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए. चेतन और आसिम खामला में एक दोस्त से मदद मांगने गए थे, लेकिन उनके खून से सने कपड़े और हालत देखकर मित्र ने मदद करने से इंकार कर दिया.
इस मामले में अंकित उर्फ अभिषेक माथनवार नामक आरोपी अब भी फरार है. जानकारी मिली है कि अंकित कलमना थाने में दर्ज लूटपाट के प्रकरण में फरार था. उसपर लूटपाट और मारपीट के गंभीर मामले दर्ज है. कलमना थाने में दर्ज मामले में फरार रहते हुए वह हत्या की वारदात में शामिल हो गया.
वह लगातार बाल्या के घर और गतिविधियों की निगरानी कर रहा था. वह पुलिस से बचने में माहिर है. कई मामलों में उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी है. अब देखना ये है कि इस मामले में पुलिस कब उसके गिरेबान तक पहुंचती है.