Nag Nadi

  • टूटी दीवार बनाने में अधिकारियों, पदाधिकारियों की अनदेखी

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  • 2.5 वर्ष से धसकी है दीवार
  • 30 फीट के करीब का हिस्सा
  • 06 फीट गहरा है पानी

नागपुर. बीते 15 वर्षो से मनपा की सत्ता में बैठे कर्णधारों के साथ ही अधिकारियों द्वारा विकास के दावे तो जमकर ठोके जा रहे हैं. नये-नये सीमेंट रोड और पुलिया का काम ही चल रहा है लेकिन जो नागरिकों की जान के लिए खतरा बन गया है उस कार्य को करने में अनदेखी की जा रही है. पूर्व नागपुर में एचबी टाउन के पास स्थित चंद्रनगर के बीच से नाग नदी बहती है. इस नदी की करीब 25-30 फीट सुरक्षा दीवार ढाई वर्ष से गिर चुकी है लेकिन इसे बनाने की जरूरत नहीं समझी जा रही है. बस्ती के हितेश पांडे और नागरिकों ने बताया कि कई बार यहां के नगरसेवक प्रदीप पोहाणे, मेयर, मनपा आयुक्त, विधायक को भी इसकी जानकारी देकर दीवार बनाने की मांग की गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. नागरिकों का कहना है कि अगर बारिश अधिक हुई तो टूटी दीवार से ओवरफ्लो होकर पानी बस्ती में घुसने का खतरा है. हर वर्ष नाले का पानी बस्ती में घुसता ही है बावजूद इसके नागरिकों की समस्या का निराकरण मनपा द्वारा नहीं किया जा रहा है.

2 बार गिर चुका बच्चा

यह नाला बस्ती के प्ले ग्राउंड से सटकर गुजरता है. टूटी दीवार होने के कारण कई बार बच्चों के इसमें गिरने का भय बना रहता है. 2-3 बार बच्चे गिर भी चुके हैं लेकिन सौभाग्य से उन्हें बचा लिया गया. यहां हमेशा पानी 5-6 फीट गहरा होता ही है जिसमें बच्चों के साथ जानलेवा घटना हो सकती है. नागरिकों ने बताया कि ग्राउंड में वॉकिंग ट्रैक बनाया गया है. नाले की दीवार टूटने से नाले और वॉकिंग ट्रैक के बीच की दूरी केवल 1-2 फीट ही बची रह गई है. बारिश अधिक होने पर निश्चित तौर पर फिर मैदान में और बस्ती में पानी घुसेगा है. बीते ढाई वर्ष से लोगों की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा यह समझ से परे हैं. 

रेलवे ट्रैक का चल रहा काम

यहीं से कुछ दूरी पर नागभीड़ नेरोगेज ट्रैक को ब्रॉडगेज में बदलने का काम रेलवे के द्वारा किया जा रहा है. उसके लिए नाले के पानी को ब्लॉक किया गया है. अतिवृष्टि हुई तो यहां का पानी भी तेज बहाव से आगे आएगा जो बस्ती के लिए खतरा पैदा कर सकता है. हितेश पांडे ने बताया कि नगरसेवक पोहाणे द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने मेयर को भी फेसबुक के माध्यम से यहां की स्थिति पोस्ट की थी लेकिन उन्होंने भी संज्ञान नहीं लिया. तात्कालीन मनपा आयुक्त तुकाराम मुंडे को ई-मेल किया था लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया और उनका तबादला हो गया. 2-3 बार लकड़गंज जोनल कार्यालय में जाकर निवेदन दिया गया लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. 

पीली नदी के किनारे भी धंसी दीवार

इधर, तीन दिन पहले हुई 2 घंटे की बारिश के चलते पीली नदी का जलस्तर कुछ बढ़ गया था. तेज बहाव के चलते गोरेवाड़ा रिंग रोड संगमनगर स्थित राठौर लान के पीछे स्थित एक मकान की बाउंड्रीवॉल नदी में गिर गई. मकान धारक ने आरोप लगाया है कि नदी की सफाई के दौरान मशीन से उनकी दीवार की साइड की मिट्टी निकाल दिये जाने के कारण पानी के तज बहाव से दीवार गिर गई. मनपा के अधिकारियों ने स्पाट पर जाकर जायजा लिया है.