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नागपुर. आज नवभारत e-चर्चा में हमारे साथ शिवसेना पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत जुड़े। उन्होंने कोविड-19 के पश्चात प्रशासनिक चुनौतियों को लेकर अपने विचार प्रकट किए। साथ ही भविष्य में राजनीतिक दृश्य पर भी प्रकाश डाला। उन्हें विस्तार से सुनने के लिए आप नीचे दिया गया वीडियो देख सकते हैं।

कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए राउत ने कहा कि आने वाले 2 सालों में लगभग हर चीज़ बदल जाएगी और अगर राजनीति की बात करें तो यह भी बदलाव से दूर नहीं हैं। अब चुनाव के तरीकों में बदलाव होंगे लोग डिजिटल माध्यमों की ओर बढ़ेंगे। रैलिया, जनता संबोधन (भाषण) और सड़कों पर प्रचार प्रसार जैसी चीज़े बंद हो जाएगी।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि अब तक चल रही सम्मोहन की राजनीति बंद हो जाएगी। लोगों को घरों में रहने के बाद सोचने का काफी समय मिल गया हैं, अब वह सिर्फ बातों पर नहीं सरकार के कामों पर भी ध्यान देंगे और फिर फैसला लेंगे की उनका नेता कौन होगा। अब कोई नेता खोखली बातें और वादे नहीं कर पाएगा।

मुंबई और पूरे महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति पर उन्होंने बताया कि पूरे देश के सभी राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, जिसमे महाराष्ट्र सबसे ज्यादा बुरी स्थिति में हैं। राज्य का लगभग पूरा पैसा कोरोना से बचाव में लगा दिया गया हैं और अब राज्य सरकार को आर्थिक संकट से बचने के लिए केंद्र की जरुरत होगी। उन्होंने आगे कहा, मुंबई और मुंबई जैसे कई राज्यों के अन्य बड़े शहर जो भारी मात्रा में रोज़गार दे रहे है अगर केंद्र से मदद नहीं मिली तो खत्म हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी मात्रा में नुकसान झेलना पड़ेगा।

राउत ने बताया कि मुंबई में कोरोना ने भयावह रूप ले लिया था फिर भी हमने काफी हद तक इसे रोका है इसमें कामयाब हुए हैं। यह सही है कि मुंबई में चिकित्सा सुविधाएँ कम थी, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोककर सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। उन्होंने कहा कि “जिन लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इसे रोकने में विफल है उससे पार्टी को फर्क नहीं पड़ता। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए राहत पैकेज को खाली डब्बा बताया- जो दिखने में बड़ा है लेकिन उसके अंदर कुछ नहीं हैं।”

महाराष्ट्र में काम कर रही महाविकास अघाड़ी सरकार को लेकर उन्होंने कहा कि “चाहे कितने भी आतंरिक मतभेद हो जाए यह सरकार अपने 5 साल पूरे करेंगी। साथ ही उन्होंने यह भी साफ़ किया की इस बीच अगर भाजपा अपनी गलती सुधारना भी चाहे तो उन्हें मौका नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया, “हलाकि केंद्र ने पूरी कोशिश की कि वह अपने निर्णय राज्यपाल की मदद से यहाँ भी प्रभाव में ला सके पर वह विफल रही।” उन्होंने भाजपा को नसीहत दी की यह संकट का समय है सभी को मिलकर काम करना चाहिए और राज्य सहित देश को बचाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

कुछ दिनों पहले आए राहुल गांधी के बयान जिसमे उन्होंने कहा था कि “महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार होने के बावजूद भी कांग्रेस फैसले नहीं ले पाती हैं” पर राउत ने कहा कि यह सही बात है कि राज्य के सभी फैसले लेने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है और वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवसेना के हैं। राउत ने यह भी कहा कि अगर एक ही व्यक्ति फैसला ले तो सही दिशा में काम हो पाता हैं।

अंत में भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के कामों की समीक्षा में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने देश के कई बड़े फैसलों को उनके गंतव्य तक पंहुचाया है, जिसमे-ट्रिपल तलाक, जम्मू कश्मीर में धारा 370 और राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दे शामिल हैं जो काफी लम्बे समय से अटके हुए थे। उन्होंने आगे कहा कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार को अभी मात्र 6 महीने ही हुए है तो यह कहना उचित नहीं है कि सरकार ने राज्य में कुछ नहीं किया। 5 साल पूरे होने के बाद इसका आकलन किया जाएगा और तब इसका फैसला करेंगे।

संजय राउत राजनीतिज्ञ सहित मराठी अखबार सामना के सह संपादक भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया शुरू से लेकर आज तक राजनीति में बहुत बड़ा योगदान देते आ रही हैं। राजनीति में प्रिंट मीडिया का योगदान बहुत बड़ा है और उनका मानना है कि इसके बिना राजनीति नहीं चल सकती हैं।