नवभारत Vibes में आज शाम 5 बजे मिलिए  प्रो. डॉ. संजय चोरडिया से

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नागपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से काफी जनहानि हो रही हैं। इस जानलेवा वायरस का प्रसार को रोकने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा हुआ हैं। इसके पश्चात आर्थिक नुकसान के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बुरा असर पड़ा हैं। इन्ही समस्याओं को लेकर नवभारत ने ‘Vibes सीरीज ऑफ़ वेबिनार्स’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया हैं। इसके तहत 5 जून 2020 को इस वैश्विक महामारी के दौरान ‘विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थानों पर पड़ने वाले प्रभाव’ के बारें में सूर्यदत्ता इंस्टीट्यूट्स के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय चोरडिया शाम 5:00 बजे चर्चा करेंगे।

डॉ संजय चोरडिया शिक्षण संस्थानों से जुड़े हुए हैं। वे देश में मौजूद पर्यावरण के साथ ही किसानों की समस्याओं पर भी आवाज उठाते रहे हैं। जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया हैं।

डॉ संजय चोरडिया ‘Vibes सीरीज ऑफ़ वेबिनार्स’ कार्यक्रम में चर्चा के दौरान हम से बताएंगे कि किस प्रकार कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल माध्यम से अधिक मात्रा में लोग पढ़ाई कर रहे हैं। इन बदलावों से कठिनाई तो हो रही है लेकिन इनसे शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के उदाहरण कैसे सामने आ रहे हैं।

लॉकडाउन के बाद भी कैसे स्कूल और कालेजों में पढ़ाई करने के लिए डिजिटल माध्यम का प्रयोग और अधिक किया जाएगा। शैक्षणिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए व्हाट्सएप्प, जूम,टीम जैसे ऐप और ईमेल का प्रयोग बढ़ेगा।अकादमिक संस्थान ऐसी अवसंरचना का विकास करेंगे जिसमें अध्यापक और छात्र अकादमिक परिसर से बाहर रहते हुए भी पठन-पाठन कर सकेंगे। शैक्षणिक जगत में डिजिटल माध्यम का सकारात्मक प्रभाव किस प्रकार लंबे समय तक रहने वाला है इस विषय पर भी वो हमसे बातचीत करेंगे।

डॉ संजय चोरडिया शिक्षा क्षेत्र से जुडी हुई अन्य समस्याओं के बारे में भी बतलायेंगे। जिसमे आर्थिक कठिनाई के साथ ही दुनिया भर में लगभग बंद स्कूल, कॉलेज का शिक्षा क्षेत्र पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव के बारे में बात करेंगे। वे अपने विचार बताएंगे कि किस प्रकार यह हमारे जीवनकाल में सभी शिक्षा प्रणालियों के लिए सबसे बड़ा झटका है। स्वास्थ्य आपात स्थिति के एक गहरे वैश्विक मंदी में तब्दील हो जाने पर यह क्षति और गंभीर हो जाएगी। डॉ संजय के अनुसार कोरोना काल को शिक्षा क्षेत्र में अवसर में रूप में बदलना मुश्किल भरा होने वाला है।