शैक्षणिक संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण कार्य करने वाले डॉ. एल. आर. यादव

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नागपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से काफी जनहानि हो रही हैं। इस जानलेवा वायरस का प्रसार को रोकने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा हुआ हैं। इसके पश्चात आर्थिक नुकसान के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बुरा असर पड़ा हैं। इन्ही समस्याओं को लेकर नवभारत ने ‘Vibes सीरीज ऑफ़ वेबिनार्स’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया  हैं। इसके तहत 1 जून 2020 को इस वैश्विक महामारी के दौरान ‘विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थानों पर पड़ने वाले प्रभाव’ के बारें में डॉ. एल.आर. यादव शाम 5:00 बजे चर्चा करेंगे।

डॉ. एल.आर. यादव, अलार्ड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपने अपने जीवन में शैक्षिक संस्थानों के लिए बहुत से महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। अलार्ड शैक्षणिक प्रौद्योगिकी संस्थान समूह की शुरुवात 2001 में की गई थी। ALARD यह वाक्य Aattitude, Leadership, Alertness, Readiness और Dedication जैसे शब्दो को जोड़ कर बनाया गया है

2009 में एलार्ड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट की स्थापना Alard Charitable Trust के तहत पुणे में स्थापित किया गया। इसका सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से संबद्ध है और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित है। तकनीकी शिक्षा निदेशक (डीटीई), महाराष्ट्र द्वारा Alard संस्थान को मान्यता प्राप्त है।

यह एक शैक्षिक प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय व अंतराष्टीय संस्थान है। इसका प्रमुख उद्देश्य है शैक्षिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग को बढ़ावा देना हैं, जिससे विद्वार्थियों के मानसिक, शैक्षणिक, बौद्धिक क्षमता का विकास करना हैं। अलार्ड संस्थान शैक्षिक अवसरों को चौड़ा करने, इक्विटी को बढ़ावा देने और स्कूल स्तर पर शैक्षिक प्रक्रियाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए गतिविधियों का आयोजन करता है। किसी भी देश का विकास उस देश में संस्थाओं के विकास और उनकी स्थिति से सीधा सम्बन्ध रखता है। इन संस्थाओं में भी शिक्षा-संस्थाओं का महत्व सबसे अधिक है।

वैसे तो भारत में  लाखों  की संख्या में शैक्षणिक संस्थायें हैं, किन्तु उनमें से कुछ को बहुत ही सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त हैं। इन संस्थानों में प्रवेश पा लेना बहुत सम्मान की बात मानी जाती है। इन संस्थानों में प्रवेश आजकल कठिन प्रतियोगी परिक्षाओं के आधार पर दिया जाता है।