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    • बिना वजह घूमने वालों की भी बढ़ी संख्या

    नागपुर. अप्रैल के प्रथम सप्ताह से मरीजों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. अस्पतालों में आसानी से बेड नहीं मिल रहे हैं. लगातार संक्रमितों के आंकड़े की रफ्तार तेज हो गई है. इसे देखते हुए राज्य में 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है. लेकिन सिटी में लापरवाही की हद जारी है. लोग अपनी इंसानियत भूल सड़कों पर घूमने भी निकल रहे हैं. इसके अलावा ऑटो चालक भी मनमानी संख्या में सवारी बैठाकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

    गुरुवार को ऐसा ही वाक्या हुआ जब सड़क पर ऑटो चालक तय सवारी से ज्यादा सवारी बैठाकर ले जा रहा था. सामने पुलिस को देखकर चालक ने ऑटो को रांग साइड में डाल दिया. इससे अचानक दूसरी तरफ से आ रहे वाहन चालक भी मुसीबत में पड़ गए. नियमों का उल्लंघन करने वालों में हर वर्ग के लोग शामिल हो चुके हैं.

    बिना मास्क के भी बैठ रहे यात्री

    यात्रा करने वाले यात्री अभी भी मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. जो यात्री मास्क लगा भी रहे हैं उनमें भी लापरवाही देखी जा रही है. न तो ट्रेन, बस और न ही ऑटो में यात्री सही तरीके से मास्क लगा रहे हैं. कहीं-कहीं यात्रियों को मास्क के लिए टोका जा रहा है तो कहीं तो कुछ भी नहीं बोला जा रहा है और न ही किसी तरह की कोई कड़ाई की जा रही है. लोग अपनी जान को खुद ही जोखिम में डाल रहे हैं. अभी मास्क को ही ढाल माना जा रही है.

    बेवजह घूमते रहे युवा

    शहर में गुरुवार को लॉकडाउन में उम्मीद की जा रही थी कि काफी सख्ती होगी. लेकिन गैर जिम्मेदार लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर खुलेआम सड़कों पर बाइक दौड़ा रहे हैं. पुलिस को देखकर यू-टूर्न लेने और अचानक से ब्रेक लगाने से दूसरे लोगों की जान भी मुश्किल में पड़ जाती है. इस तरह सड़कों पर घूमने वालों की संख्या शाम होते-होते और बढ़ गई.

    जिम्मेदारी भूल रहे लोग

    संक्रमण का खतरा बढ़ने के बाद भी सार्वजनिक स्थलों एवं बाजारों में आवागमन करने वाले चेहरे पर मास्क लगाना जरूरी नहीं समझ रहे हैं. यही नहीं, सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ एकत्र हो रही है. सोशल डिस्टेंसिंग का जरा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. सार्वजनिक स्थानों के साथ ही विभिन्न जगहों पर इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. ऐसे में संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसके बाद भी जिला प्रशासन की ओर से एहतियात एवं सतर्कता बरतने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. लोग भी अपनी जिम्मेदारी भूल रहे हैं.