Mud
File Photo

  • प्रशासन की सुस्ती का खामियाजा भुगत रहे नागरिक

Loading

नागपुर. जिस तेजी से शहर का विस्तार हो रहा है, उसके अनुपात में विकास कार्य पिछड़ने के कारण नागरिकों को बरसात से समय भयानक दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. नागरिकों की बार-बार मांग के बावजूद प्रशासन की एजेंसियां सुस्त बनी हुई हैं जिसके परिणाम स्वरूप अनेक लेआउटों पर बसी नई बस्तियों का न तो नियमितीकरण हो रहा है और न ही कोई विकास कार्य हो रहा है.

इस साल की तरह पस बरसात में भी नए लेआउटों पर बनी बस्तियों की हालत भयानक हो गई है. ऐसे लेआउटों के प्लाटों पर पानी के दलदल बन गए हैं और रास्ते कीचड़ से सराबोर हो रहे हैं. इनमें न पानी निकासी की व्यवस्था है और न रोड है. रोड के नाम पर सिर्फ लेआउट विक्रेताओं द्वारा शुरुआत में बनाया गया बोल्डर और मुरुम का रास्ता बचा हुआ है. इस पर वाहन चलाना और पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. हर साल बरसात में भरा पानी जनवरी-फरवरी महीने तक वहीं थमा रहता है जिससे मच्छरों और कई कीटों का प्रकोप बना रहता है.

इन दिनों नागपुर शहर के चारों तरफ लेआउट डालकर पड़े हुए हैं और इन पर शहर के हजारों नागरिकों ने निवेश के नाम पर खरीदकर प्लॉट छोड़ रखा है. परंतु इन्हीं लेआउटों में बड़ी संख्या में निम्न और मध्यवर्गीय मेहनतकश नागरिकों ने भी अपने मकान बनाए हैं. ऐसे लेआउटों में अनेक मकान बनने से ये नई बस्तियों के रूप में दिखाई दे रहे हैं लेकिन यहां नागरिक सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. यहां तक कि कई बस्तियों में बिजली के कनेक्शन भी नहीं मिले हैं.

कई प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं हुई है तो कई प्लॉटों का एनए नहीं हुआ है. ऐसे लेआउटों की संख्या शहर के चारों तरफ रिंग रोड के बाहर बेसा-बेलतरोड़ी, वाठोड़ा, पिपला फाटा, हुड़केश्वर, कापसी भंडारा रोड, कलमना भरतनगर रोड, कलमना जूना कामठी रोड, भीलवाड़ा, रनाला, खसाड़ा, मसाड़ा, नारी रोड, नारा, पांजरा, गोधनी रोड सहित कई इलाकों में है. मेट्रो रीजन का विकास करने वाली एजेंसी का कामकाज सुस्त होने के कारण नागरिकों को भारी कष्ट का सामना करना पड़ रहा है.