Nagpur Airport

  • रेवेन्यू शेयर अब प्रति यात्री के हिसाब से
  • सलाहकार के लिए मंगाई निविदा

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नागपुर. नागपुर एयरपोर्ट का डेवलपमेंट अब नए फार्मूले के हिसाब से होगा. विमानतल संचालक महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन की ओर से विमानतल का प्राइवेटाइजेशन किस तरह किया जाए, इस पर सलाह देने के लिए सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी. इस बारे में निविदा जारी की जा चुकी है. इस पर 60 लाख रुपए अनुमानित खर्च आएगा. जानकारों का कहना है कि इस बार रेवेन्यू शेयरिंग के फार्मूले में बदलाव किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि अब प्रति यात्री के हिसाब से रेवेन्यू शेयरिंग का फार्मूला रखा जा सकता है.

हाल ही में अदानी समूह की ओर से सबसे ज्यादा पैसेंजर पर शेयर के हिसाब से रेवेन्यू शेयरिंग की पेशकश कर 6 एयरपोर्ट का नियंत्रण अपने हाथ में लिया गया. पिछली बार एयरपोर्ट के डेवलपमेंट का कांट्रेक्ट जीएमआर को दे दिया गया था लेकिन रेवेन्यू शेयरिंग के चलते बनी-बनाई बात बिगड़ गई और राज्य सरकार ने कांट्रेक्ट को रद्द कर दिया. जीएमआर ने 14 प्रश रेवेन्यू शेयरिंग की बात कही थी. राज्य सरकार की सोच थी कि इसमें सरकार को काफी कम हिस्सा दिया जा रहा है.

इकट्ठा किया जाएगा डाटा

सलाहकार कंपनी प्रोजेक्ट से जुड़ी तकनीकी बातों की जानकारी इकट्ठा करेगी. इसमें प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत, चरणबद्ध तरीके से विकास में आने वाला खर्च, वर्तमान पैसेंजर संख्या और कार्गो परिवहन, अगले 50 वर्षों में इनमें होने वाली बढ़ोतरी, कितना रेवेन्यू जनरेट होगा, जमीन और अन्य संपत्तियों का विवरण इकट्ठा किया जाएगा. सलाहकार कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर विमानतल के निजीकरण के लिए नए सिरे से बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी. कानूनी, टैक्स और फाइनेंस संबंधी सलाह भी फर्म की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी. 

ठंडे बस्ते में चला गया था मामला

नागपुर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर के विमानतल के रूप में विकसित करने के काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे. पिछली राज्य सरकार के कार्यकाल में इसके लिए टेंडर भी मंगाया गया था. जीएमआर, जीवीके, गोदरेज जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हुई थी. फाइनल राउंड में जीएमआर को विमानतल के विकास की जिम्मेदारी मिली. पर रेवेन्यू शेयर के मसले पर बात नहीं बनी.

राज्य सरकार ज्यादा रेवेन्यू देने की मांग कर रही थी जिसके लिए जीएमआर तैयार नहीं हुई. आखिर राज्य सरकार ने टेंडर को रद्द कर दिया था. निजी कंपनी के हाथ में विमानतल जाने से इसके विकास की प्रक्रिया तेज होगी. नई टर्मिनल बिल्डिंग के अलावा दूसरा रनवे, एटीसी का नया सेट अप भी होगा. शापिंग एरिया, होटल, रेस्टारेंट जैसे हैपनिंग प्लेसेस का भी प्रावधान होगा. मूवमेंट के साथ इनकम बढ़ाने के लिए निजी कंपनी नए-नए रूट्स पर विमान सेवाएं शुरू करने पर जोर देगी.