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नागपुर. जिला परिषद के लगभग 15000 के करीब कर्मचारियों व पेंशनधारकों को पिछले 3 महीने से ना ही वेतन दिया जा रहा है और ना ही पेंशन. विविध विभागों के 9087 कर्मचारियों को अप्रैल-मई-जून महीने का वेतन नहीं दिया गया है वहीं करीब 5500 पेंशनरों को पिछले दो महीनों से पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है.

जिला परिषद कर्मचारी महासंघ के महासचिव एन.एल. सावरकर ने आरोप लगाया कि विभाग प्रमु्खों की घोर लापरवाही के चलते कर्मचारियों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों व अधिकारियों का वेतन महीने की 1 तारीख को जमा किया जा रहा है लेकिन जिला परिषद में किसी को वेतन नहीं दिया जा रहा जिसके चलते कर्मचारियों में रोष बढ़ता ही जा रहा है.

जीपीएफ निकालने में पाबंदी
एक ओर वेतन-पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कर्मचारी को उसके अपने जीपीएफ एकाउन्ट से भी रकम निकालने की पाबंदी लगा दी गई है. सावरकर ने बताया कि जिला परिषद के कैफो ने विभाग प्रमुखों, पंचायत समितियोंके बीडीओ को आदेश जारी किया है कि बीडीएस यानी बजट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में तकनीकी अड़चन के कारण कोषागार में बिल सादर नहीं किया जा सका है जिसके चले अप्रैल महीने से अब तक की रकम अदा करना प्रस्तावित है. वहीं जब तक बीडीएस प्रणाली पूर्ववत शुरू नहीं होता तब तक कोई भी अपने जीपीएफ एकाउन्ट से निधि भी नहीं निकाल सकेगा.

कैफो ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि कोविड-19 के प्रादुर्भाव को रोकने के लिए कार्यालय में उपाययोजना की गई है, बावजूद इसके अपने पीएफ फंड के प्रस्तावों के बारे में जानने के लिए कर्मचारी आ रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों को सूचना दिया जाए की बीडीएस सिस्टम शुरू होने पर ही विभाग प्रमुख प्रस्ताव सादर करें. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 3 महीने से वेतन नहीं मिला है जिसके चलते विविध खर्चों के लिए वे अपने जीपीएफ से रकम निकालना चाहते हैं लेकिन इस सिस्टम में खराबी बताकर उन्हें अपने हक से वंचित किया जा रहा है.