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 नागपुर. राज्य सरकार के पणन निदेशक की ओर से 8 सितंबर 2017 को जारी किए गए आदेश तथा एपीएमसी की कार्यकारी समिति को पुनर्स्थापित करने की मांग करते हुए अहमदभाई शेख की ओर से हाईकोर्ट में दिवानी अर्जी दायर की गई. जिस पर लंबी सुनवाई के बाद न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश स्वप्ना जोशी ने याचिकाकर्ता को किसी भी तरह की राहत देने से इंकार कर अर्जी ठुकरा दी. जिससे अब समिति की पुनर्स्थापना नहीं हो सकेगी. विशेषत: याचिका पर लगातार राज्य सरकार की ओर से समय मांगे जाने पर गत सुनवाई के दौरान अदालत ने कड़ी चेतावनी देते हुए रूख स्पष्ट करने के आदेश दिए थे. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. अजय घारे और सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी ने पैरवी की.

प्रशासक की नियुक्त रद्द करने का अनुरोध
एपीएमसी कार्यकारी समिति का कार्यकाल खत्म होने के बाद पणन विभाग की ओर से एपीएमसी पर प्रशासक की नियुक्ति के आदेश जारी किए थे. इस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध करते हुए अधि. घारे ने कहा कि महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट 1963 में दर्ज नियमों के अनुसार प्रशासक का कार्यकाल बढ़ाने के संदर्भ में पाबंदियां है. धारा 15 ए के अनुसार चूंकि विभाग को कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार नहीं है. अत: कार्यकारी समिति को नए चुनाव होने तक पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए. अदालत ने आदेश में कहा कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद समिति को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इस संदर्भ में पहले भी अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया है. 

फरवरी 2021 तक टला चुनाव
गत सुनवाई के दौरान अदालत ने 27 सितंबर 2019 के आदेश में चुनाव कराने के लिए 3 माह की समयावधि बढ़ाकर दी थी. इसी आदेश में जिलाधिकारी की ओर से समय बढ़ाकर मांगे जाने से एपीएमसी के सदस्यों को उन्हें कार्यालय में पुनर्स्थापित करने के संदर्भ में अर्जी दायर करने की स्वतंत्रता भी प्रदान की गई थी.

इसी दौरान 16 जनवरी 2018 के आदेशों पर पुनर्विचार करने की अर्जी दायर की गई. साथ ही कार्यकारी समिति को पुनर्स्थापित करने के आदेश डायरेक्टर आफ मार्केटिंग को देने की गुहार भी लगाई थी. 3 जनवरी 2020 को हाईकोर्ट की ओर से मार्च 2020 तक चुनाव कराने के लिए समय बढ़ाकर दिया गया. जिसके बाद पुन: 23 अगस्त 2020 तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए गए थे. किंतु कोरोना की महामारी को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से 10 जुलाई 2020 को नया आदेश जारी किया गया. जिसके अनुसार 6 माह तक चुनाव टाल दिए गए.