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    नागपुर. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य चुनाव आयोग ने राज्य की 5 जिला परिषदों और 33 पंचायत समितियों में ओबीसी की रद्द की गईं सीटों पर उप चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है. कार्यक्रम के अनुसार 19 जुलाई को मतदान और 20 वोटों की गिनती होनी है. लेकिन कोई भी पार्टी इस समय चुनाव नहीं चाह रही है. सरकार की ओर से भी मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने चुनाव आयुक्त यूपीएस मदान को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट आने की आशंका के चलते उप चुनावों को आगे बढ़ाने की विनती की है.

    जिले की 16 ओबीसी सीटों पर उप चुनाव होने हैं वहीं पंचायत समिति की 33 सीटों पर भी चुनाव होने वाले हैं. जिले में फिलहाल खरीफ की बुआई की काम चल रहा है. अभी पूरी तरह से बुआई भी नहीं हुई. ग्रामीण भागों में कई जनप्रतिनिधि खुद किसान हैं और वे चाहकर भी उप चुनाव शामिल नहीं पाएंगे. ऐसे में कोई बारिश में चुनाव नहीं चाहता है. सभी पार्टी नेता चुनाव को आगे बढ़ाने के पक्ष हैं.

    वोटर ही नहीं निकल पाएंगे

    पूर्व जिप उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे ने कहा कि बारिश में कभी चुनाव नहीं होते. जिले में सभी किसान बुआई में व्यस्त हैं. अभी तो आधी बुआई भी नहीं हुई है. किसान का पूरा परिवार खेतों में व्यस्त रहता है. देर शाम सभी खेत से घर लौटते हैं. ऐसी स्थिति में चुनाव कराने में भी अड़चन होगी. कई जनप्रतिनिधि भी किसान हैं और वे भी व्यस्त हैं. चुनाव के खिलाफ नहीं हैं लेकिन यह बारिश के बाद ही होना चाहिए. बताते चलें कि ओबीसी आरक्षण रद्द होने के चलते कुंभारे की सदस्यता भी रद्द हो गई है. 

    चुनाव का विरोध नहीं लेकिन…

    जिप में राकां पक्ष नेता रहे चंद्रशेखर कोल्हे की भी सदस्यता ओबीसी आरक्षण के चलते रद्द हो गई है. उनका कहना है कि चुनाव का विरोध बिल्कुल नहीं हैं. पार्टी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है लेकिन यह चुनाव का समय नहीं है. जुलाई में जिले में सर्वाधिक बारिश होती है. किसान बुआई में लगे रहते हैं. राज्य में इतनी बारिश में कभी चुनाव नहीं हुए. कृषि कार्य के दौरान और बारिश में प्रचार कैसे होगा? वोट देने कौन आएगा? यह सवाल है. बारिश के बाद सितंबर महीने में चुनाव आयोग को चुनाव लेने चाहिए.

    वोटिंग परसेंटेज गिर जाएगा

    जिप में भाजपा गट नेता रहे अनिल निधान का कहना है कि परिस्थिति चुनाव लेने की नहीं है. कोविड पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, मंदिर नहीं खुले हैं, किसान बुआई में व्यस्त हैं. सरकार ने तो पंढरपुर यात्रा को भी कोविड के चलते अनुमति नहीं दी. ऐसे हालात में आयोग चुनाव करवाता भी है तो वोटिंग परसेंटेज गिर जाएगा. सरकार को चाहिए कि वह आयोग से सारे हालातों की जानकारी देकर 2 महीने चुनाव आगे बढ़वाए.