नागपुर. करीब सप्ताहभर चला नर्सों के आंदोलन की वजह से मेडिकल, मेयो और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई थी. मेडिकल में तो 15 वार्ड कम कर मरीजों को अन्य वार्डों में शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. वहीं अनेक ऑपरेशन रोक दिये गये थे. इस बीच दोपहर को वैद्यकीय शिक्षा मंत्री के साथ संगठन पदाधिकारियों की बैठक में अनेक मांगें मानी गई. इतना ही नहीं मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर मांगों पर अमल हेतु कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिये. इसके बाद नर्सों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली. सभी नर्सें शाम 4 बजे से काम पर लौट आई. इसके साथ ही मरीजों व उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली.
संगठन के उपाध्यक्ष शहजाद बाबा खान ने बताया कि सरकार को आंदोलन के संबंध में पहले पत्र दिया गया था. इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया. आखिरकार जब अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई तब जाकर सरकार जागी. शुक्रवार को लातूर में जिलाधिकारी कार्यालय में वैद्यकीय शिक्षा मंत्री अमित देशमुख के साथ ही पदाधिकारियों की बैठक हुई.
बैठक में केवल पुरानी पेंशन योजना की मांग को छोड़कर लगभग सभी मांगें मान्य की गई. देशमुख ने अधिकारियों को तुरंत कार्यवाही करने के आदेश भी दिये. साथ ही लिखित आश्वासन वाला एक पत्र संगठन को भी सौंपा गया. मांगें मान्य होने के बाद राज्यभर में स्थानीय इकाइयों को अवगत कराया गया. सभी नर्सें शाम 4 बजे से काम पर लौट आई.
नर्सों की प्रमुख मांगों में नर्सों की प्रमुख मांगों में रिक्त पद भरने, सुरक्षा कानून बनाने, केंद्र की तरह ही राज्य में भी वेतन श्रेणी लागू करने, समान काम समान वेतन देने, निजीकरण बंद करने, जोखिम भत्ता देने, कोविड काल की अर्जित छुट्टियां मंजूर करने आदि का समावेश था.