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नागपुर. नायलॉन मांजे के चलते नागरिकों की जान खतरे में है. इसके पहले भी कई लोग नायलॉन मांजे का शिकार हो चुके हैं. बावजूद इसके अपने लोभ के लिए दूकानदार नायलॉन मांजा बेचने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा मंगलवार की शाम इमामवाड़ा थाना क्षेत्र में हुआ. जाटतरोड़ी चौक पर एक छात्र की गर्दन में नायलॉन मांजा फंस गया. मांजा खींचे जाने से उसकी गर्दन बुरी तरह कट गई. खून की धार लग गई और वह तड़पने लगा. अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई. मृतक ज्ञानेश्वरनगर, मानेवाड़ा रोड निवासी प्रणय प्रकाश ठाकरे (20) बताया गया.

जानकारी के अनुसार प्रणय और उसके पिता सेंट्रल एवेन्यू पर किसी कोचिंग क्लास में एड्मिशन करवाने गए थे. शाम 5 बजे के दौरान दोनों अलग-अलग वाहनों पर घर लौट रहे थे. प्रणय पिता के पीछे गाड़ी चला रहा था. जाटतरोड़ी चौक पर एक इमारत से नायलॉन मांजा रास्ते पर गिरा और प्रणय की गर्दन में फंस गया. प्रणय ने मांजा निकालने के लिए गाड़ी रोकी, लेकिन इसी दौरान विरुद्ध दिशा से आ रहे दुपहिया वाहन पर मांजा फंस गया. मांजा खींचता चला गया और प्रणय की गर्दन कट गई. पिता को इस बात की जरा भी भनक नहीं थी कि पीछे बेटे के साथ क्या हुआ है.

प्रणय की गर्दन बुरी तरह कट गई थी. नस कटने की वजह से प्रणय झटपटाने लगा. स्थानीय नागरिकों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. प्रणय को उपचार के लिए मेडिकल अस्पताल रवाना किया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. प्रकाश अपने घर के पास तक पहुंच गए. प्रणय दिखाई नहीं दिया तो वापस लौटे. जाटतरोड़ी पहुंचने पर उन्हें घटना की जानकारी मिली. इस घटना से प्रकाश को गहरा सदमा पहुंचा है. बताया जाता है कि कुछ महीने पहले ही प्रणय की मां का देहांत हुआ था. इस सदमे से परिवार उबरा भी नहीं था कि प्रणय इस तरह जानलेवा घटना का शिकार हो गया. इमामवाड़ा पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है. 

जानलेवा बनता जा रहा शौक

पतंग और मांजे का शौक जानलेवा बनता जा रहा है. इसके पहले भी मांजे और पतंग के चक्कर में 2 बच्चों की मौत हो चुकी है. 29 दिसंबर को दाभा परिसर में पतंग पकड़ने के लिए भागा 7 वर्षीय वंश विकास तिरपुड़े भी चौपहिया वाहन के नीचे आ गया. उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. 6 जनवरी को शिवकृष्ण धाम झोपड़पट्टी में रहने वाला एंटा विनोद सोलंकी (12) पतंग पकड़ने के लिए रेलवे ट्रैक पर दौड़ गया. इसी दौरान सुपर फास्ट ट्रेन की चपेट में आ गया. पैर कटने से उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी. कुछ दिन पहले एक व्यक्ति पतंग उतारने के लिए इमारत की छत पर गया और गिरने से उसकी मौत हो गई. पतंग मांजे के शौक में न जाने और कितनी जानें जाएगी. 

किसी का मजा, किसी को सजा

किसी की मजा किसी के लिए सजा बन रही है. घातक नायलॉन मांजे पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. बावजूद इसके दूकानदार अपने लाभ के लिए ग्राहकों को नायलॉन मांजा बेच कर कमाई के मजे ले रहे है. वहीं पतंगबाज भी इसमें पीछे नहीं है. अपने मजे के लिए नायलॉन मांजे का उपयोग कर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है. पुलिस समय-समय पर कार्रवाई कर रही है. मनपा की एनडीएस भी कार्रवाई में जुटी है, लेकिन यह शौक अब जानलेवा साबित हो रहा है. 3 दिन पहले ही राहुल बोड़खे नामक युवक इंदोरा में नायलॉन मांजे का शिकार हुआ. उसकी गर्दन बुरी तरह कट गई. सदर फ्लाईओवर पर भी 2 युवक नायलॉन मांजा गर्दन में फंसने से जख्मी हो गए. इस तरह की और भी घटनाएं हुई है, लेकिन पतंगबाज और विक्रेताओं पर इसका कोई असर नहीं हो रहा.