Sunil Kedar
सुनील केदार

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    नागपुर. 4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जिला परिषद व पंचायत समितियों के ओबीसी सीटें रद्द कर दी गई हैं. उन सीटों पर दोबारा चुनाव की प्रक्रिया भी राज्य चुनाव आयोग ने शुरू कर दी है. सुको के फैसले के बाद नागपुर जिला परिषद की 16 सीटें और पंचायत समितियों के 31 सदस्यों की सदस्यता रद्द हो गई है. राज्य के पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार ने कहा है कि ओबीसी सदस्यता पुन: बहाल करने के लिए प्रयास करेंगे. निर्णय पर सुको में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की गई है. वे सरपंच भवन में हुई बैठक में बोल रहे थे. इस दौरान नाना गावंडे, जिप अध्यक्ष रश्मि बर्वे, पूर्व उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे, कुंदा राऊत, जिला परिषद और पंचायत समितियों के सभी कांग्रेस सदस्य उपस्थित थे.

    नामी वकील लगाएंगे

    केदार ने कहा कि इस मामले के लिए नामी वकील लगाकर पुनर्विचार याचिका पर सुको के स्टे के लिए पूरा प्रयास करेंगे. देशभर में कोरोना महामारी का संकट फैला हुआ है जिसमें सभी सदस्य कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे थे. कोरोना काल में चुनाव आयोजित करना सुविधाजनक नहीं हो सकता इसलिए सुको सभी ओबीसी सदस्यों की सदस्यता बहाल करे, यह निवेदन न्यायालय से किया जाएगा. बताते चलें कि 4 मार्च से जिला परिषद के सभी 16 ओबीसी सदस्यों की मान्यता रद्द कर दी गई है. जिलाधिकारी ने भी चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए सभी संबंधितों की सदस्यता रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है. 16 में से 8 सीटों को यानी 50 प्रतिशत को महिलाओं के लिए लाटरी सिस्टम से आरक्षित करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है. 

    …अन्यथा चुनाव निश्चित

    अगर सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी सीटों को रद्द कर सभी सीटों पर ओपन कैटेगरी में चुनाव कराने के खिलाफ दाखिल हुई सदस्यों की रिट याचिका और राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला नहीं बदलता है तो निश्चित रूप से सभी सीटों पर ओपन कैटेगरी से चुनाव होंगे. राज्य चुनाव आयोग ने इस संदर्भ में अपनी प्रक्रिया तो शुरू कर दी है. 50 फीसदी सीटें महिला ओपन वर्ग के लिए आरक्षित की जा चुकी है और अब मतदाता सूची के वर्गीकरण, संशोधन कर जाहिर करने की प्रक्रिया की जा रही है. हालांकि सभी ओबीसी सदस्यों की नजरें सुप्रीम कोर्ट के रिट याचिकाओं पर सुनवाई और फैसले पर लगी हुई है.