Gambling and Liquor beside of Railway Track

  • न RPF को पता, न GRP को खबर

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नागपुर. एक ओर ट्रेनों और स्टेशन परिसर में लगातार हो रही चोरियों की जांच में रेलवे सुरक्षा बल और लोहमार्ग पुलिस के हाथ खाली मिल रहे हैं. दूसरी तरफ, पटरियों किनारे खुलेआम शराब की बिक्री और जुए अड्डे चल रहे हैं लेकिन न तो आरपीएफ को पता है और न ही जीआरपी को खबर है. मंगलवारी ओवर ब्रिज के नीचे से शुरू होने वाली जुआरियों का सिलसिला मानकापुर अंडर ब्रिज तक जारी रहता है लेकिन मजाल है कि रेलवे की दोनों सुरक्षा एजेंसियां इन्हें हाथ भी लगा दें.

दिनभर छलकते हैं देसी शराब के जाम

मंगलवारी ब्रिज के नीचे पूरा दिन ही देसी शराब की जाम लगाते हुए देखा जा सकता है. पेड़ों की छांव में बहुत आसानी से लोगों को पानी के साथ शराब उपलब्ध कराई जा रही है. पूरा दिन ही यहां शराबियों को झूमते हुए देखा जा सकता है. हद तब हो जाती है जब ये यात्रियों को अश्लील इशारे करने से भी नहीं चुकते. यदि आउटर पर कोई ट्रेन रुकती है तो ये शराबी बिना किसी डर के झूमते हुए ट्रेन में चढ़कर पटरी के दूसरे छोर पर पहुंचते हैं. इस दौरान दरवाजे पर सामान लेकर खड़े यात्रियों की परेशानी इनके लिए कोई मायने नहीं रखती. जरा से टोक दिया तो लड़ने को तैयार रहते हैं. हैरानी की बात है कि पूरे शहर में लॉकडाउन के बाद भी यहां खुलेआम शराब बिकती है. दूसरी तरफ, इससे पहले भी रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आने वाली इस जगह पर खुलेआम शराब बिक्री की जानकारी सामने आ चुकी है. यह यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिह्न है कि अभी तक इस बारे में कोई स्थायी हल नहीं ढूंढा गया.

अतिक्रमण और जुआरियों के झुंड

भले ही पूरा शहर कोरोना से परेशान हो लेकिन मध्य रेल नागपुर मंडल की जमीन के इस हिस्से पर कब्जा जमाकर बैठे अतिक्रमणकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता. पूरा दिन यहां जुआरियों का झुंड ताश के पत्तों को पीसते नजर आते हैं. इसकी वजह साफ है कि उन्हें पता है कि यहां कोई नहीं आने वाला. न तो आरपीएफ और न ही जीआरपी की नजर उन पर पड़ेगी. पटरियों के किनारे आउटर पर ही शराब के नशे और जुआ का कॉकटेल यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बनकर सामने आता है. इसके बाद चोरी या अन्य अपराध होने पर आरपीएफ और जीआरपी आरोपियों को ढूंढती रहती है.

गश्त हो तो पता चले क्या शुरू है?

किसी समय पूरे देश में अपने फास्ट वर्क पैटर्न से नाम कमाने वाली नागपुर आरपीएफ और शहर पुलिस को चुनौती देने वाली जीआरपी की चमक इनदिनों खोई से नजर आ रही है. दोनों सुरक्षा एजेंसियां अब पहले जैसी फुर्ती नहीं दिखाई दे रही. किसी समय पटरियों किनारे दौड़-दौड़ कर चोरों का पकड़ने वाली नागपुर आरपीएफ और जीआरपी अब स्टेशन से 500 मीटर दूर मंगलवारी ब्रिज तक गश्त करते हुए भी दिखाई नहीं देती. यदि यहां गश्त हो तो रेलवे की जमीन पर चल रहे अवैध धंधों पर लगाम कसी जा सकेगी और यात्रियों की सुरक्षा पुख्ता होगी.