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  • सांप-बिच्छुओं का ढेरा, आसपास रहने वाले परेशान

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नागपुर. आरेंजसिटी का विस्तार जिस तेजी से हुआ उसी तेजी से बस्तियां भी बसी हैं. शहर के मुख्य भाग से करीब 15- 20 किलो मीटर के दायरे में शहर फैल गया है. प्लाटों की बढ़ती किमतों की वजह से लोगों ने जहां सस्ता मिलता है. वहीं प्लाट खरीद लिया. कुछ दिनों तक प्लाट खाली रहने के बाद दूर-दूर तक बस्तियां बस गई है लेकिन इन्हीं बस्तियों के बीच कई खाली प्लाट भी है जो लोगों की मुसीबत का सबब बने हुये हैं. बारिश में खुले प्लाटों में पानी जमा रहता. रात में इन खुले प्लाटों में जमा पानी से सांप-बिच्छू भी निकल रहे हैं.

पिछले दिनों महानगर पालिका ने खुले प्लाट की समस्या से निपटने के लिए एक नियम बनाया. जिसके अनुसार यदि प्लाट धारक अपने प्लाटों पर सुरक्षा दीवार नहीं बनाते या साफ नहीं रखते तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के तौर पर 5000 रुपये का दंड लगाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद कुछ जगह कार्रवाई भी हुई लेकिन शहरभर में इतने अधिक खुले प्लाट है कि हर जगह कार्रवाई होना संभव नहीं है.

इस हालत में आवश्यक है कि प्लाट धारक को ही आसपास के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर प्लाट पर दीवार बनाई जानी चाहिए थी. अब भी कई जगह प्लाटों में कचरा जमा किया जा रहा है. साथ ही इन प्लाटों में झाडियां उग आई है. आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है. बदबू के साथ ही इन प्लाट में सांप-बिच्छुओं का निकलना जारी रहता है. रात के वक्त तो घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है.

सख्त कार्रवाई जरुरी

हुडकेश्वर, नरसाला, कामठी रोड, हिंगना रोड, खबरी, वाठोडा सहित अन्य इलाकों में खुले प्लाटों की भरमार है. लेकिन कई लोग इन खुले प्लाटों का उपयोग कचरा सहित अन्य गंदी वस्तुओं को जमा करने के लिए करते हैं. बारिश में कचरा सड़ गया. जिसकी बदबू ने आसपास के लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. कई बार नगर सेवक से शिकायत भी की गई लेकिन वह भी ध्यान नहीं देते. महानगर पालिका में उपद्रवी विरोधी दस्ता बनाया गया है.

पिछले दिनों उक्त दस्ते द्वारा बस्तियों के भीतर सड़कों और खाली प्लाट में जमा सामग्री के खिलाफ कार्रवाई की गई  लेकिन इन दिनों दस्ता भी नजर नहीं रहा है. खुले प्लाटों में बड़ी-बड़ी घास उग आई है. रात में मेंढकों की आवाज परेशान करती है. किटनाशक दवाइयों का छिड़काव नहीं किये जाने से मच्छरों की फौज तैयार हो गई है.

नागरिकों की मांग है कि महानगर पालिका के अधिकारी ऐसे इलाकों का दौरा करे जहां खुले प्लाट हैं. प्लाट धारकों की जानकारी निकालकर उन्हें प्लाट की सफाई करने और सुरक्षा दीवार बनाने के लिए सख्त निर्देश दे ताकी व्यवस्था में सुधार हो सके और आसपास के लोग चिंतामुक्त होकर रह सके. लोगों ने अपने पैसे इसवेस्ट करने के लिए प्लाट लेकर रखे है लेकिन उनकी सजा अन्य लोगों को भुगतना पड़ रहा है जो कि अनुचित है.