रैश ड्राइविंग को कंट्रोल करने लगे स्पीड स्क्रीन शुरू हुआ पायलेट प्रोजेक्ट

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नागपुर. रैश ड्राइविंग को कंट्रोल करने के लिए ऑरेंज सिटी में एक अनोखा प्रयोग किया जा रहा है. सड़कों पर रैश ड्राइविंग को कंट्रोल करने के लिए एक कम्पनी द्वारा डिवाइडर पर एलईडी स्पीड स्क्रीन लगाए गए है. एमएस फोटोट्रोनिक नामक प्रोडक्ट डिजाइन कम्पनी के संचालक कौशल खोलापुरकर ने रैश ड्राइविंग को कंट्रोल करने के लिए जीपीओ चौक से लेडिज क्लब चौक के बिच देवगिरी के पास एक एलईडी स्पीड स्क्रीन लगाया है.

इस स्क्रीन के माध्यम से चालकों को उनकी वाहनों की स्पीड दिखाकर उन्हें जागृत करने का प्रयास किया जा रहा है. ऑरेंज सिटी में इस प्रकार का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है. फिलहाल यह प्रोजेक्ट पायलेट मोड पर है. प्रयोग सफल होने के बाद शहर के अन्य संवेदनशील मार्गों पर भी स्पीड स्क्रीन लगाने पर विचार किया जाएगा. 

500 मीटर से बताता है स्पीड

कौशल ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत सिटी का तेजी से विकास हो रहा है. शहर में अच्छे रोड बन गए है वहीं मार्केट में तेज रफ्तार वाली गाड़ियों की भी खूब बिक्री हो रही है. इन सब के बिच सिटी में हर दिन रैश ड्राइविंग के कारण हादसों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है. बारिकी से अध्ययन करने के बाद सामने आया कि अधिकतर दुर्घटनाएं रैश ड्राइविंग के कारण होती है. बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के 2 ही उपाय है. एक चालान और दूसरा जनजागृती. इसलिए जनजागृती के लिए पायलेट मोड पर इस स्पीड स्क्रीन को लगाया गया है.

इसकी खास बात यह है कि 500 मीटर की दूरी से वाहन की स्पीड इसके डिस्प्ले पर दिख जाएगी. फिलहाल इस मार्ग पर 40 किमी की स्पीड लीमिट सेट की गई है. यदि वाहन की रफ्तार 40 किमी से कम होगी तो स्क्रीन पर वाहन की तत्काल स्पीड और एक ग्रीन कलर का स्माईली वाला इमोज दिखाई देगा. अधिक स्पीड होने पर यह इमोज रेड कलर में सैड फेस में दिखाई देगा. बिजली नहीं होने पर सोलार पैलन के मदद से 5 घंटे तक यह स्क्रीन चल सकती है. 

15 दिसंबर तक चलेगा ट्रायल

उन्होंने बताया कि वह इस प्रोजेक्ट पर काफी समय से काम कर रहे है. स्क्रीन के तैयार हो जाने के बाद लॉकडाउन के पहले पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी को इसका प्रजेंटेशन दिया गया. उन्होंने इसकी सराहना करते हुए आरटीओ से इसी लगाने की अनुमती लेने के लिए कहा. आरटीओ, मनपा का लाइटिंग विभाग और महावितरण से अनुमती लेने के कारण इसे इंस्टॉल करने में इतना समय लग गया.

15 दिसंबर तक इसे टेस्ट किया जाएगा, यदि सब कुछ सही रहा तो अन्य स्थानों पर भी ऐसी ही स्क्रीन लगाई जाएगी. प्रयोग के दौरान देखा जा रहा है कि 90 प्रतिशत चालक स्क्रीन पर वाहन की स्पीड देखते हुए अपनी कार की गति धिमी कर देते है. 

40 स्पॉट पर लगाने का विचार

आरटीओ, ट्रैफिक विभाग और पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के आधार पर स्क्रीन की स्पीड लीमिट को रखा गया है. यह स्क्रीन 24X7 शुरू रहेगी. सिटी में 38 से 40 स्पॉट ऐसे है जहां आऐ दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. इन स्थानों को मार्क किया गया है. प्रयोग सफल होने के बाद अन्य मार्गों पर भी स्क्रीन लगाई जाएगी. स्पीड लीमिट के साथ इसमें कैमरा लगाकर वाहनों की फोटो लेकर ओरटीओ के लिए चालान के लिए भी भेजा जाएगा. सारी प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी.