नागपुर. गणेशोत्सव को भले ही एक माह से अधिक का समय बचा हो, लेकिन अभी से कारीगरों से मूर्तियों को बनाने का काम जोरो पर शुरू किया जा चुका है. केंद्र सरकार ने पीओपी की मूर्तियों पर पाबंदी लगा चुकी है. इसके मद्देनजर कहीं भी पीओपी की मूर्तियों का निर्माण, आयात और बिक्री न हो, इसका कड़ाई से पालन करने के निर्देश बुधवार को स्वास्थ्य समिति सभापति महेश महाजन ने दिए.
बुधवार को पीओपी की मूर्तियों को लेकर मनपा मुख्यालय में बैठक ली गई. विक्रम ग्वालबंशी, नागेश मानकर, राजेश भगत, विजय देशमुख, डॉ. गजेन्द्र महल्ले, राजेन्द्र अंबारे और वीरसेन तांबे उपस्थित थे.
अविलंब शुरू करें कार्रवाई
घनकचरा व्यवस्थापन के उपायुक्त राजेश भगत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पीओपी मूर्तियों पर पाबंदी लाए जाने के बाद कुछ मूर्तिकार अदालत गए थे. जनभावना को देखते हुए न्यायालय द्वारा पीओपी मूर्तियों को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किए. जिसके अनुसार पीओपी मूर्तियां बेचनेवालों को दूकानों के सामने यहां पीओपी की मूर्तियां बेची जाती है, इस तरह का बोर्ड लगाना अनिवार्य है.
साथ ही पीओपी की मूर्तियों की पहचान उजागर करने के लिए मूर्ति पर लाल निशान लगाना भी जरूरी है. इसी आधार पर मनपा की ओर से अदालत के आदेश का पालन किया जा रहा है. अधिकारियों की ओर से जानकारी दिए जाने के बाद सभापति ने तुरंत कार्यवाही शुरू करने की हिदायत दी.
पुलिस विभाग को नाकाबंदी का पत्र दें
सभापति ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अब पीओपी पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है. जिससे शहर में कहीं भी पीओपी की मूर्ति उपलब्ध न हो, इस दृष्टि से कार्रवाई होनी चाहिए. शहर में किसी भी मार्ग से पीओपी की मूर्ति न आ पाए, इसके लिए पुलिस को नाकाबंदी संबंधी पत्र देने की सूचनाएं भी उन्होंने दी. नाकाबंदी कर पीओपी की मूर्तियों का प्रवेश रोका जा सकता है. इसके बावजूद यदि पीओपी मूर्तियों की बिक्री हो रही हो, तो विक्रेता पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.