- नरेंद्र नगर पुल रोड पर दुर्घटना का खतरा
नागपुर. भले ही शहर में हर तरफ सीमेंट की सड़कों का जाल फैलाया जा रहा है लेकिन अब भी कई सड़कों पर वाहन चालकों को बड़े-बड़े गड्ढों से सामना करना पड़ रहा है. वर्धा रोड और रिंग रोड को जोड़ने वाला नरेन्द्रनगर पुलिया का इन दिनों खस्ता हाल है. शुरू से लेकर आखिर तक वाहन चालकों को यहां जहां-तहां बने गड्ढों में से गुजरना पड़ रहा है. एक ओर जहां चार पहिया वाहन इस सड़क पर उछलते हुए चलते हैं तो दुपहिया वाहन चालकों को संतुलन बनाने में भारी परेशानी होती है. ऐसे में यहां हर दिन दुर्घटना का डर बना रहता है.
पानी भरने से गड्ढे नहीं देते दिखाई
नरेन्द्रनगर पुलिस नेशलन हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा बनाया गया है. वर्धा रोड पर दीनदयाल मेट्रो स्टेशन से शुरू होकर रिंग रोड पर जुड़ने वाला यह पुल गड्ढों से पट गया है. लेकिन किसी का ध्यान नहीं है. डामर की बनी सड़क पर हर तरफ गड्ढे हो गये हैं और जहां-तहां से तड़क चुकी सड़क पर दुपहिया वाहन चालकों को संतुलन बिगड़ जाता है. सबसे अधिक परेशानी बारिश के दौरान और रात को होती है. बारिश का पानी भरने से गड्ढे दिखाई नहीं देते, वहीं रात के समय अधिकांश समय यहां के स्ट्रीट लाइटे बंद रहती हैं. इसी वजह से भी यहां वाहन दुर्घटना का डर बना रहता है.
इन दिनों शहर में विकास कार्यों की रेस जारी है लेकिन वर्धा रोड के इस हिस्से पर अजीब सा संगम है. एक ओर जहां दीनदयाल मेट्रो स्टेशन है तो इसके ठीक बगल में नरेन्द्रनगर पुल शुरू होता है. मेट्रो स्टेशन इतना पॉश है कि फर्श पर शक्ल दिख जाये, वहीं पुल के शुरू होते ही उबड़-खाबड़ सड़क से स्वागत होता है. लगता है जैसे जिम्मेदार अधिकारी मेट्रो स्टेशन देखकर सड़क के इस हिस्से का रखरखाव ही भुल जाते हो.
– दुर्भाग्य की बात: डोंगरे
गड्डों भरी यही एकमात्र रोड नहीं है. डामर वाली अधिकांश सड़कों पर गड्डों की भरमार हो गई है. शहर कांग्रेस कमेटी की सचिव सुकेशनी डोंगरे ने बताया कि प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने का ही नतीजा है कि आज सिटी की जनता को भुगतना पड़ रहा है. अनेक हिस्सों में तो मरम्मत का काम करने के बाद गिट्टी-मिट्टी को ठिकाने नहीं लगाए जाने से भी दिक्कतें होने लगी है. मनपा और अन्य विभागों के बीच तालमेल का अभाव साफ दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि हर दिन कोई न कोई वाहन चालक दुर्घटना में अपने हाथ-पैर तुडवा रहा है. स्मार्ट सिटी में गड्डों की भरमार जनप्रतिनिधयों के लिए भी दुर्भाग्य का विषय है.