Mayo Hospital

  • विधायक निवास में ड्यूटी कर रहे लोगों में दहशत

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नागपुर. कोरोना संदिग्ध मरीजों की देखरेख व जांच में लगे विधायक निवास के क्वारंटाइन सेंटर के डॉक्टरों, नर्स व अन्य कर्मचारियों की ओर स्वास्थ्य विभाग का बिल्कुल ध्यान नहीं है. इसका उदाहरण सण्डे को तब सामने आया जब यहां ड्यूटी कर रहे एक डॉक्टर व कर्मचारी की स्वैब रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उन्हें अस्पताल में भर्ती करने ले जाने के लिए न ही वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई और न ही कोई दिशानिर्देश दिए गए.

जानकारी के अनुसार, दोनों खुद ही भर्ती होने जब मेयो हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें एम्स जाने की सलाह दी गई, लेकिन उन्हें वहां भेजने के लिए एम्बुलेंस या कोई वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया. दोनों अपनी सुविधा से एम्स पहुंचे और भर्ती हुए. स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों ने इन कोरोना योद्धाओं की पूछ-परख तक नहीं की. दोनों के पॉजिटिव आने से विधायक निवास में कार्यरत करीब 30 अन्य डॉक्टरों व स्टाफ में भय का माहौल बन गया है. वे अपनी जान पर खेलकर संदिग्धों की जांच व देखरेख में लगे हैं और खुद उनकी जान आफत में आने पर विभाग के आलाधिकारी उनकी सुध तक नहीं लेते.

रात 12.30 को आई थी रिपोर्ट
जानकारी मिली है कि शनिवार की रात को ही स्टाफ के 4 लोगों की रिपोर्ट आई थी, जिसमें एक डॉक्टर व एक कर्मी पॉजिटिव आए व शेष 2 निगेटिव. उसके बाद से ही दोनों पॉजिटिव को क्या करना है, कहां भर्ती होना इसकी कोई जानकारी किसी ने नहीं दी. अब तक क्वारंटाइन ड्यूटी में लगे जितने भी डॉक्टर या स्टाफ संक्रमित हुए हैं, स्वास्थ्य विभाग ने उसकी जानकारी तक मनपा को नहीं दी है. इसके उलट अगर किसी भी पुलिसकर्मी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो ज्वाइट सीपी, डीसीपी, अन्य पुलिस अधिकारी उसकी व उसके परिवारवालों का पूरा ध्यान रखते हैं. मगर स्वास्थ्य विभाग में ऐसी मानवता व नैतिकता आलाधिकारियों में नजर नहीं आ रही है, जिससे क्वारंटाइन ड्यूटी में लगे कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिर सकता है.

खुद ही करवाई जांच
क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी करने वाला पूरा स्टाफ वहां रखे जानेवाले संदिग्धों के संपर्क में आता है. इसलिए पूरे स्टाफ के स्वैब की जांच अनिवार्य रूप की जानी चाहिए, लेकिन जानकारी मिली है कि विधायक निवास में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर व नर्सों ने खुद ही अपने स्वैब जांच के लिए भेजे थे. रिपोर्ट आने पर 2 पॉजिटिव पाए गए. इससे शेष स्टाफ में हड़कंप मच गया है. इसके पूर्व भी विधायक निवास में भोजन व अन्य व्यवस्था के संदर्भ काफी शिकायतें आई थीं.