Nagpur Corona Update

  • 971 नये पॉजिटिव, 3,894 की हुईं छुट्टी, 26,890 एक्टिव केस
  • 6,159 अस्पतालों में भर्ती

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नागपुर. सिटी सहित जिले में अब तेजी से कोरोना से राहत मिलने लगी है. हालांकि अभी भी जिले में 27,000 के करीब संक्रमितों का अस्पतालों व घरों में उपचार चल रहा है लेकिन यह आंकड़ा बीते दिनों की अपेक्षा काफी कम हो गया है. सोमवार को मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले में 971 नये पॉजिटिव मिले जिसमें से 487 सिटी के और 474 ग्रामीण भागों के हैं. 10 जिले के बाहर के हैं. इन्हें मिलाकर अब कुल पॉजिटिव संख्या 4.64 लाख से अधिक हो गई हैं. 20-25 दिनों पूर्व हालत यह थी कि रोजाना 7,000 से ऊपर संक्रमित मिल रहे थे और 80-90 के बीच रोजाना मौतें हो रही थीं.

पूरी स्वास्थ व्यवस्था लड़खड़ा गई थी और लोग भयभीत थे. अब जैसे-जैसे संक्रमण की आक्रामकता कम हो रही है वैसे-वैसे लोग फिर से लापरवाह होते नजर आ रहे हैं. सब्जी, किराना, डेयरी आदि दूकानों में भारी भीड़ नजर आ रही हैं. कपड़ा के दूकानदार शटर बंद कर भीतर ग्राहकों को घुसाकर बिक्री करते पकड़े जा रहे हैं. ऐसा ही हाल रहा तो तीसरी लहर बेहद खतरनाक हो सकती है जिसकी चेतावनी बार-बार विशेषज्ञ दें रहे हैं. सोमवार को पॉजिटिव का आंकड़ा 1,000 के नीचे आ गया. यह करीब 2-3 महीने के बाद हुआ है. वहीं 3,894 स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटे हैं. अब तक स्वस्थ होने वालों की संख्या भी 4.29 लाख के करीब हो गई हैं.

30 की फिर हुईं मौत

संडे को भी कोरोना से 30 की मौत हुई थीं. दूसरे दिन भी जिले में 30 कोरोना डेथ हुई. मरने वालों में 11 सिटी के 9 जिले के ग्रामीण भागों के और 10 जिले के बाहर के हैं, जिनका सिटी के विविध अस्पतालों में उपचार चल रहा था. इन्हें मिलाकर अब तक मरने वालों की कुल संख्या 8,580 हो गई हैं. इसमें 5,137 सिटी के और 2,184 ग्रामीण भागों के हैं. वहीं 1,259 जिले के बाहर के हैं. जिले में फिलहाल 26,890 एक्टिव केस हैं जिसमें 13,268 सिटी के और 13,622 ग्रामीण भागों के हैं. कुल 6,159 संक्रमितों का उपचार विविध अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में चल रहा है. 20,731 होम क्वारंटाइन होकर अपना उपचार करवा रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम होने से राहत मिली है. दैनिक पॉजिटिव की संख्या कम होने से कोरोना की तीव्रता कम होने का संकेत मिल रहा है. सोमवार को 13,261 स्वैब टेस्ट की रिपोर्ट आई जिसमें से 971 पॉजिटिव आए हैं. यह 8.5 प्रतिशत है. बताते चलें की कोरोना पीक के समय यह प्रतिशत 25 से 30 फीसदी के खतरनाक स्तर पर चल रहा था.

तीसरी लहर के लिए रहें सतर्क

कोरोना की दूसरी लहर ने सैकड़ों परिवारों को तबाह किया है. कुछ व्यापारियों के घरों में तो एक से अधिक सदस्यों की मौत हुई है. हजारों लोग मरते-मरते बचे हैं. मौत को करीब से महसूस किया है. कोरोना कैसा संक्रमण है यह वही अच्छी तरह समझ रहा है कि इससे पीड़ित आर्थिक, शारीरिक, मानसिक रूप से कैसे टूट जाता है. बावजूद इसके अभी भी हजारों लोग ऐसे हैं जो बिंदास होकर नियमों का उल्लंघन करते घूम रहे हैं. यह हरकत उन पर ही नहीं पूरे परिवार पर भारी पड़ सकती है. विशेषज्ञों की बार-बार चेतावनी आ रही है कि जुलाई-अगस्त महीने में महाराष्ट्र राज्य में तीसरी लहर आ सकती है जो बच्चों को भी चपेट में लेगी. प्रशासन तीसरी लहर के लिए सतर्क रहने की अपील कर रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यह रवैया खतरनाक साबित हो सकता है. सिटी ने दूसरी लहर का कहर भुगता है. कोरोना अपनी सिटी से दूर रखने और अपने नौनिहालों को इससे बचाने के लिए सतर्कता ही एकमात्र उपाय है.